11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शैदा जी की पुण्यतिथि आज, जुटेंगे कई साहत्यिकार

शैदा जी की पुण्यतिथि आज, जुटेंगे कई साहित्यकारहास्य व व्यंग्य कवियों में शुमार थे विश्वनाथ प्रसाद शैदादर्जन भर रचानाओं से साहित्य जगत तें पायी ख्याति फोटो संख्या 01़-पैतृक घर शैदा जी 04़ राज्यपाल के द्वारा मिला ताम्रपत्रडुुमरांव़ भोजपुरी के प्रसिद्ध गीतकार व कवि विश्वनाथ प्रसाद शैदा की बुधवार को उनके पैतृक आवास पर पुण्यतिथि मनायी […]

शैदा जी की पुण्यतिथि आज, जुटेंगे कई साहित्यकारहास्य व व्यंग्य कवियों में शुमार थे विश्वनाथ प्रसाद शैदादर्जन भर रचानाओं से साहित्य जगत तें पायी ख्याति फोटो संख्या 01़-पैतृक घर शैदा जी 04़ राज्यपाल के द्वारा मिला ताम्रपत्रडुुमरांव़ भोजपुरी के प्रसिद्ध गीतकार व कवि विश्वनाथ प्रसाद शैदा की बुधवार को उनके पैतृक आवास पर पुण्यतिथि मनायी जाएगी. जिसके लिए साहित्यकारों ने तैयारी पूरी कर ली है. इस शहर को शहनाई के शंहशाह बिस्मिल्लाह खां सहित अक्षयवट मिश्र, नकछेदी तिवारी जैसे कवियों को पैदा करने का सौभाग्य प्राप्त है़ जिस कड़ी में शैदा का नाम भी आदर के साथ जोड़ा जाता है़ विचारों के धनी थे शैदा जी शैदा जीका जन्म नगर के ठठेरी बाजार में हुआ था़ इनकी शादी डुमरांव रामदत मिश्रा की गली की युवती लक्ष्मी के साथ हुई़ विनोद स्वभाव के धनी, सैर-सपाटे व मगही पान के शौकीन पेशे से शिक्षक शैदा जी श्रृंगार रस के कवि थे़ भोजपुरी साहित्य के गौरव विश्वनाथ प्रसाद शैदा को भोजपुरी साहित्य जगत के लोगों ने भूला दिया़ जबकि भोजपुरी साहित्य की समृद्घि व गौरव गान शैदा जी के बगैर अधूरा है़ हालाकि उनकी चौथी पीढ़ी की नातिन कलावती देवी ने शैदा जी के व्यक्तित्व व कृतत्व के चिन्ह को बचा रखा है़ जो भोजपुरी साहित्य व जनपद के लिए धरोधर है़ उनकी महफिल अक्सर निमेज टोला निवासी कवि शिवशंकर प्रसाद जायसवाल मौजी के घर दलान में सजती थी़ डुमरांव की धरती ऐतिहासिक व धार्मिक क्षेत्र के अलावे साहित्य, गीत संगीत, नाटक के अलावे कई धरोहरों ने देश-विदेश में परचम लहरा चुके हैं.सन 1911 में 24 जनवरी को नगर के बंधन पटवा रोड निवासी रवानी चंद्रवंशी परिवार के रामटहल राम के घर जन्मे थे़ इनके मित्रों ने बताया कि जन्म से शैदा काफी प्रखर बुद्धि के थे़ गरीबी में गुजरा जीवनगरीब परिवार में जन्मे शैदा आठवीं कक्षा तक ही पढ़ाई कर पाये थे. किसी तरह ट्यूशन पढ़ा कर अपना जीवन बसर करते रहे़ लेकिन इनके जीवन में एक नया मोड़ आया और टीचर ट्रेनिंग स्कूल के पास अभ्यासार्थ मध्य विद्यालय में शिक्षक की नौकरी लग गयी. शैदा जी के नातिन दामाद ने बताया कि जब हमलोग महाजनी मध्य विद्यालय में पढ़ते थे, तो शैदा जी कवियों का प्रोग्राम चल रहा था़ इतना जल्दी उन्होंने एक कविता गोसाई मास्टर जी पर बनाया कि गोसाई जी आई तनी भारत में हमरा कविता सुन सब दंग रह गये़ क्योकि इतना जल्दी कविता बनाना असान नहीं था़ इनके परिवार में कलावती के अलावे इनकी बेटी सुमन अपने माता-पिता के हाथों में काम बंटाती है़ जैसे-तैसे परिवार जीवन बसर करने को विवश है़ आयोजन के संबंध में संजय चंद्रवंशी ने बताया कि इस बार इनकी पुण्यतिथि पर कार्यक्रम को समाजसेवी व साहित्यकार मिलकर आयोजित किया गया़ जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें