बक्सर : लक्ष्मी नारायण यज्ञ सह श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ चल रहा है, जिसमें भागवताचार्य, भारत भूषण जी महाराज ने प्रवचन के दौरान कहा कि 84 लाख शरीरों के कल्याण और उनके उत्कर्ष का मार्ग शास्त्रों में है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग शास्त्रों के अनुसार अपने चरित्र में संशोधन कर जीवन को सार्थक करते हैं.
जबकि कुछ लोग शास्त्रों में ही सुधार के हिमायती होकर अपना और समाज का अहित करते हैं. कथा के दौरान भागवत कथा का महात्म का वर्णन करते हुए कहा कि संसार में भौतिक संसाधन से सुख और आनंद नहीं मिलते हैं, बल्कि भागवत भजन और कीर्तन से ही आनंद प्राप्त होता है. मानव जीवन संत की सेवा से सफल होता है.