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प्रशासनिक कवायद के बाद भी कार्यो में नहीं आयी तेजी
सात प्रखंडों के फौजदारी व दीवानी मामलों का यहां होगा निबटारा डुमरांव : व्यवहार न्यायालय की स्थापना को लेकर प्रशासनिक कवायद के बाद भी इस भवन को सुसज्जीत करने को लेकर तेजी नहीं आयी है. 30 दिनों में केवल बिजली का खंभा व ट्रांसफॉर्मर को लगाया गया है. जबकि जिलाधिकारी रमण कुमार ने निरीक्षण के […]
सात प्रखंडों के फौजदारी व दीवानी मामलों का यहां होगा निबटारा
डुमरांव : व्यवहार न्यायालय की स्थापना को लेकर प्रशासनिक कवायद के बाद भी इस भवन को सुसज्जीत करने को लेकर तेजी नहीं आयी है. 30 दिनों में केवल बिजली का खंभा व ट्रांसफॉर्मर को लगाया गया है. जबकि जिलाधिकारी रमण कुमार ने निरीक्षण के बाद हरियाणा पशु प्रजनन महाविद्यालय के छात्रवास में व्यवहार न्यायालय खोले जाने का प्रतिवेदन 30 मार्च को ही पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के यहां भेजा था.
काम में नरमी को लेकर डुमरांव अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि मार्च माह से शुरू होनेवाले इस न्यायालय को अभी तक तैयार करने में नरमी बरती जा रही है.
संघ के महासचिव अधिवक्ता ओमप्रकाश वर्मा ने बताया कि यहां दो न्यायिकों की नियुक्ति होगी, जिसके जरिये अनुमंडल के सात प्रखंडों के फौजदारी व दीवानी मामलों का निबटारा किया जायेगा. वहीं, सिविल कोर्ट बक्सर में डुमरांव अनुमंडल के 60 फीसदी से अधिक मामले पड़े हैं, जिसे लेकर अनुमंडल क्षेत्र के सुदूर गांवों से लोगों को बक्सर की दौड़ लगानी पड़ती है. न्यायालय की स्थापना को लेकर अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ ने कार्यो में तेजी लाने की मांग की है.
वर्ष 1994 में मिला था अनुमंडल का दर्जा : 22 अप्रैल 1994 को डुमरांव को अनुमंडल के दर्जा से नवाजा गया था और करीब दो माह बाद ही बक्सर अनुमंडल पदाधिकारी व दंडाधिकारी के यहां से दाखिल लंबित वादों को स्थानांतरित कर डुमरांव भेजा गया था. इस कार्रवाई से लोगों में उम्मीद जगी की जल्द ही डुमरांव में व्यवहार न्यायालय की स्थापना होगी और फौजदारी व दीवानी मामलों का निबटारा होने लगेगा. ऐसी स्थिति में लोगों को लंबी दूरी तय कर बक्सर जाने से निजात मिल जायेगी.
सात प्रखंड है डुमरांव अनुमंडल में
डुमरांव अनुमंडल मुख्यालय में डुमरांव, नावानगर, केसठ, चौगाईं, सिमरी, चक्की व ब्रह्मपुर प्रखंड हैं़ जिला मुख्यालय के अपेक्षा तीन गुणा अधिक क्षेत्रफल है. सिविल कोर्ट में बक्सर से अधिक मामले डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र से पहुंचते हैं. मुकदमों की लंबी लड़ाई के लिए बार-बार पड़नेवाले तारीखों के कारण लोग मलियाबाग, सोनवर्षा, नैनीजोर व चक्की जैसे सुदूर क्षेत्रों से बक्सर पहुंचते हैं. डुमरांव में व्यवहार न्यायालय बनने से इन सातों प्रखंडों के लोगों को राहत मिल जायेगी.
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