बक्सर: गंगा में उफान थमने के बाद भी शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में लोगों की परेशानी बरकरार है. दियारे इलाके के लगभग पांच दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में है. इस इलाके के लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त होकर रह गया है. बाढ़ के कारण ऊंचे टीले और छतों पर शरण लिये लोगों के लिए झमाझम हो रही बारिश परेशानी का सबब बन गया है. जिले के ब्रrापुर, सिमरी, चक्की, बक्सर सदर और चौसा के गांव अब भी बाढ़ से घिरे हुए हैं. प्रशासन की ओर से राहत कार्य चलाया जा रहा है. सदर प्रखंड के मझरिया, गड़नी, उमरपुर, अजरुनपुर सहित अन्य गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं. नगर के कोइरपुरवा, रामबाग, धोबी घटवा सहित अन्य इलाकों के घरों में बाढ़ का पानी अब भी भरा हुआ है. लोग विस्थापित होकर दूसरे जगहों पर शरण लिये हुए हैं. बाढ़ग्रस्त सिमरी, चक्की और सदर प्रखंड के गांवों के लोग जिंदा रहने के लिए हर दिन जीवन से संघर्ष कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से उन्हें पर्याप्त राहत नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण खाने से लेकर पेयजल की समस्या गंभीर हो गयी है. दियारे इलाके के मजदूर जयराम का कहना है कि खेतों के पानी में डूबे रहने के कारण मजदूरी का काम बंद है, जिसके कारण किसी तरह परिवार को पाल रहे हैं. जल स्तर में ठहराव होने के बाद भी बाढ़ की भयावहता बरकरार है. सड़कों पर बाढ़ का पानी फैलने के कारण बक्सर-मोहनिया, बक्सर-रामगढ़, बक्सर-सिमरी और भोजपुर-डुमरी पथ पर आवागमन ठप पड़ा हुआ है. लोगों में अब भी इस बात का भय है कि पता नहीं गंगा के जल स्तर में कब वृद्धि शुरू हो जाये. इस बीच जिला प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में वरीय उपसमाहर्ता सह प्रभारी जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अरुण प्रकाश ने बताया कि बाढ़ से कुल 25 पंचायतों के 55 गांव बाढ़ की चपेट में है, जिसमें 20 गांव पूर्ण रूप से बाढ़ से घिरे हुए हैं. उन्होंने बताया कि बचाव और राहत कार्य में 124 नावें व आठ मोटर बोट लगाये गये हैं. उन्होंने बताया कि 3355 क्विंटल गेहूं व 3355 क्विंटल चावल का वितरण बाढ़पीड़ितों के बीच किया गया है. पीड़ितों के बीच चार करोड़ 66 लाख रुपये का वितरण किया गया है.
बाढ़पीड़ितों के बीच बंटी राशि
ब्रrापुर (बक्सर). प्रशासन के उत्तरी नैनीजोर पंचायत के सिर्फ चार टोलों में अब तक 704 लोगों के बीच राशि का वितरण किया गया है. शेष दूसरे क्षेत्रों में अब तक किसी भी पीड़ितों को राशि का भुगतान नहीं किया गया है. लगातार एक सप्ताह से पीड़ितों की सूची तैयार की जा रही है. इधर, बाढ़पीड़ित कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. जहां एक ओर बाढ़ का प्रकोप दैनिक जीवन को तहस नहस कर दिया है, वहीं बारिश भी लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है. इससे लोगों का जीवन और भी नारकीय हो गया है. प्रखंड के उत्तरी नैनीजोर-दक्षिणी नैनीजोर, महुआर, हरनाथपुर, गहौना, निमेज, बैरिया, गाय घाट एवं योगिया पंचायत में बाढ़ का कहर जारी है. सरकारी सहायता नहीं मिलने से बाढ़पीड़ितों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.