बक्सर : जिले में धान अधिप्राप्ति की डेटलाइन 31 मार्च को समाप्त हो गया. बावजूद इसके मात्र साढ़े 22 हजार एमटी यानी 25 फीसद से भी कम धान की ही खरीद हो पायी है. देश में धान उत्पादक जिलों में शुमार बक्सर के किसान सरकारी खरीदारी में कोताही से खुद को असहज महसूस कर रहे हैं. उन्हें इस बात का मलाल है कि जी-तोड़ मेहनत के बाद भी जिले का नाम धान अधिप्राप्ति में राज्य में निचले पायदान पर है.
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87 हजार एमटी लक्ष्य, 22 हजार एमटी की खरीदारी
बक्सर : जिले में धान अधिप्राप्ति की डेटलाइन 31 मार्च को समाप्त हो गया. बावजूद इसके मात्र साढ़े 22 हजार एमटी यानी 25 फीसद से भी कम धान की ही खरीद हो पायी है. देश में धान उत्पादक जिलों में शुमार बक्सर के किसान सरकारी खरीदारी में कोताही से खुद को असहज महसूस कर रहे […]
जबकि इस जिले के अनाज से राज्य के अधिकांश जिले के चूल्हे जलते हैं. उत्पादन ही नहीं सरकारी खरीद के मामले में भी यह जिला तीसरे पायदान पर रहता था परंतु इस वर्ष खरीद में सरकारी पेंच व अधिकारियों की सुस्ती ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. खेती पर आश्रित जिले की आबादी का एक बड़ा हिस्सा वर्तमान स्थिति से मायूस है.
किसानों की खुशहाली व उन्हें उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार ने 87 हजार एमटी धान खरीद का लक्ष्य रखा था. लक्ष्य प्राप्त करने में जिला प्रशासन कामयाब नहीं हो सका. धान का कटोरा कहे जानेवाले बक्सर जिले के किसानों ने राज्य में तीसरा सर्वाधिक धान की पैदावार की है.
बावजूद धान अधिप्राप्ति में निचले पायदान पर है. आपूर्ति विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूरे जिले में एक दिसंबर से धान खरीद की जा रही है. अब तक 84 पैक्स व पांच व्यापार मंडलों से खरीद की गयी है. पूरे जिले में चार माह बाद भी मात्र 22 हजार एमटी धान खरीद हुई है.
ऐसा लगता है कि प्रशासन खरीद के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति की है. अब तक केवल पूरे जिले में 2712 किसानों से करीब साढ़े 22 हजार एमटी धान खरीदा गया है. साथ ही अब तक किसानों को करीब 25 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है. हालांकि अब जिले में धान की खरीद बंद हो गयी है. डीएम ने धीमी गति से हो रही धान खरीद को लेकर कई बार अधिकारियों का वेतन भी रोक दिया था. बावजूद इसके धान की खरीद में तेजी नहीं आयी.
छह हजार पड़े थे आवेदन, मगर 2712 किसानों से हुई धान की खरीदारी: धान अधिप्राप्ति को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सुस्त है. जिले में अब तक केवल 2712 किसानों से ही धान खरीदा गया है. चार महीने में साढ़े 22 हजार एमटी धान ही खरीदा गया है. वहीं कई किसानों को उसका भुगतान भी कर दिया गया है. पूरे जिले में करीब छह हजार आवेदन पड़े थे, लेकिन अब तक 2712 लोगों से भी धान की खरीद नही हो पायी है.
सिमरी और चक्की में एक छटांक भी नहीं हुई खरीदारी : धान के कटोरे में चर्चित जिला बक्सर के दो प्रखंड में एक छटांक भी खरीदारी नहीं हुई. इस मामले में सरकार की एजेंसिया सुस्त रहीं. सिमरी और चक्की प्रखंड में 40-40 एमटी धान की खरीदारी का लक्ष्य निर्धारित था. मगर धान अधिप्राप्ति की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी इन दोनों प्रखंड में एक खरीदारी का प्रतिशत शून्य रहा.
गत साल से दोगुना हुई है खरीदारी
निर्धारित लक्ष्य के 25 फीसद हुई धान की खरीदारी गत से दोगुना हुई है. गत वर्ष 1700 हजार एमटी ही धान खरीदी गयी थी. इस साल धान की खरीदारी में वृद्धि हुई है.
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