13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कामनाओं का त्याग करना ही संन्यास : जीयर स्वामी

बक्सर : गेरुआ वस्त्र धारण करना दाढ़ी, बाल बड़ा कर लेना तथा कमंडल धारण कर लेना बस मात्र यही सन्यास नहीं है. संन्यास का सही अर्थ कामनाओं का त्याग कर अपने कर्मों को करना ही असली संन्यास है. उन्होंने कहा कि यह मानव जीवन सिर्फ खाने-पीने सोने व संतान प्राप्ति के लिए नहीं हुआ है. […]

बक्सर : गेरुआ वस्त्र धारण करना दाढ़ी, बाल बड़ा कर लेना तथा कमंडल धारण कर लेना बस मात्र यही सन्यास नहीं है. संन्यास का सही अर्थ कामनाओं का त्याग कर अपने कर्मों को करना ही असली संन्यास है. उन्होंने कहा कि यह मानव जीवन सिर्फ खाने-पीने सोने व संतान प्राप्ति के लिए नहीं हुआ है.
हम सब सिर्फ इसी के लिए संसार में नहीं आये हैं. मानव जीवन अच्छे कर्म करने के लिए मिला है, जिसके माध्यम से मनुष्य अनंत ऊंचाइयों पर पहुंच जाता है. किसी भी हाल में भयभीत नहीं होना चाहिए. इसलिए कि जो लिखा हुआ है, वही होगा और जो नहीं लिखा हुआ है, वह कभी नहीं होगा. इसलिए बेकार में भय नहीं करना चाहिए.
उक्त बातें सदर प्रखंड के करहंसी गांव में आयोजित सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन भागवत कथा के दौरान श्री लक्ष्मी प्रपन्नाचार्य जीयर स्वामी जी महाराज ने कहीं. उन्होंने आगे कहा कि नीति के साथ साथ नैतिकता भी रहना बहुत जरूरी है. अगर नीति हो और नैतिकता नहीं हो तो वह पतन का कारण बन जाता है. महापुरुषों ऋषि-मुनियों का हमेशा आदर करना चाहिए. उनके बताये हुए मार्ग पर चलना चाहिए, किसी भी परिस्थिति में धर्म का त्याग नहीं करना चाहिए. विषम परिस्थिति में भी धर्म का पालन करना चाहिए.
सदर प्रखंड के करहंसी गांव में आयोजित सप्ताह ज्ञान यज्ञ गुरुवार को भंडारा के साथ संपन्न हो गया. पिछले एक सप्ताह से लक्ष्मी प्रपन्नाचार्य जीयर स्वामी जी महाराज के द्वारा भागवत कथा का ज्ञान कराया गया. गुरुवार को पूर्णाहुति के साथ ही भव्य भंडारा का आयोजन किया गया.जहां गांव के अलावा आसपास के अन्य गांवों एवं दूरदराज से आये साधु-महात्माओं ने प्रसाद ग्रहण किया. इसकी जानकारी स्वामी जी के मीडिया प्रभारी अखिलेश बाबा ने दी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें