छात्राओं को सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. इन तीनों भवनहीन स्कूलों को विभाग द्वारा लापरवाही बरतते हुए गलत तरीके से राजकीय डीके कन्या मध्य विद्यालय में मर्ज कर दिया गया है. दोनों स्कूलों के संचालन हेड के अलग होने की वजह से ये तीनों विद्यालय मर्ज नहीं हो सकें. सरकार की योजना के अनुसार भवनहीन विद्यालयों को समीप के भवनवाले स्कूलों में टैग करना था, जिसको देखते हुए विभाग के अधिकारियों ने बिना सोचे समझे राजकीय डीके कन्या मध्य विद्यालय में मर्ज कर दिया लेकिन गलत टैगिंग की वजह से तीनों विद्यालय मर्ज नहीं हो सके.
आज भी तीनों विद्यालयों राजकीय कन्या मध्य विद्यालय के प्रांगण में ही एक एक कमरे में संचालित हो रहे हैं. स्कूलों का अप्रैल माह से ही मध्याह्न बंद है. आठ माह बीत जाने के बाद भी इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक लेटर पर लेटर विभाग को भेज रहे हैं लेकिन विभाग ने अब तक इन तीनों विद्यालयों को किसी विद्यालय के साथ टैग नहीं किया है और न ही इन बच्चों के मध्याह्न भोजन की व्यवस्था की गयी है. न्यायालय के आदेश को मानें तो हर हाल में बच्चों को पौष्टिक भोजन देना है. छात्र-छात्राएं अपने गुरुजनों से भी अंडा एवं फल की मांग पड़ोसी बच्चों को खाते देख करते हैं.
अप्रैल माह से नहीं मिल रहा मध्याह्न भोजन : तीनों विद्यालयों मैं पढ़नेवाले बच्चों को 17 अप्रैल, 2017 से मध्याह्न भोजन नहीं मिल रहा है. मध्याह्न भोजन नहीं मिलने की शिकायत जिलाधिकारी से लेकर विभाग को की गयी है. इसके बाद भी कोई विभागीय पहल नहीं की गयी, जिसके कारण 740 छात्र-छात्राओं के बीच रोष है. जबकि वहीं डीके कन्या मध्य विद्यालय में मध्याह्न भोजन बनता है.
प्रभावित हैं ये विद्यालय
नगर स्थित चलनेवाले नवीन मध्य विद्यालय, कन्या प्राथमिक विद्यालय एवं बाल कुसुम प्राथमिक विद्यालय को राजकीय डीके कन्या मध्य विद्यालय में टैग कर दिया गया है. दोनों के संचालन कर्ता अलग-अलग होने की वजह से इन्हें डीके कन्या मध्य विद्यालय में मर्ज नहीं किया जा सका. स्कूल के प्रधानाध्यापकों द्वारा बार-बार जिलाधिकारी से लेकर विभाग को पत्र दिया गया लेकिन विभाग ने इन विद्यालयों के टैगिंग के बारे में अब तक कोई कदम नहीं उठाया.
विभाग नहीं दे रहा ध्यान
17 अप्रैल के बाद विद्यालय में मध्याह्न भोजन नहीं बना. गलत तरीके से स्कूलों को जोड़ने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है. अन्य विद्यालयों से टैग करने की कागजी खानापूर्ति के बाद इन विद्यालयों का मध्याह्न भोजन रोक दिया गया. इसके लिए कई बार पत्राचार भी स्कूलों द्वारा किया गया लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
हरेंद्र प्रताप सिंह , प्रधानाध्यापक बालकृष्ण मध्य विद्यालय
जल्द दूर होगी समस्या
बहुत जल्द ही इस समस्या का समाधान कर लिया जायेगा. गलत तरीके से इन तीनों विद्यालयों को राजकीय विद्यालय में टैग कर दिया गया था, जिस वजह से यह समस्या आयी थी. आरडीडी स्तर से समस्या का समाधान कुछ ही दिनों में हो जायेगा.
राजेंद्र प्रसाद चौरसिया, डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान