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हाथी को आया गुस्सा तो रुक गयी एनएच 84 की रफ्तार तीन घंटे तक एनएच पर ठप रहा यातायात, वाहनों की लगी लंबी कतार गजराज ने पटक कर महावत की ली थी जान तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गजराज हुए काबू में डुमरांव. गजराज का गुस्सा बुधवार को फिर भड़क उठा. गजराज ने […]

हाथी को आया गुस्सा तो रुक गयी एनएच 84 की रफ्तार
तीन घंटे तक एनएच पर ठप रहा यातायात, वाहनों की लगी लंबी कतार
गजराज ने पटक कर महावत की ली थी जान
तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गजराज हुए काबू में
डुमरांव. गजराज का गुस्सा बुधवार को फिर भड़क उठा. गजराज ने एक बार फिर दूसरे महावत को पटक कर मारने का प्रयास किया. किसी तरह भाग कर महावत ने अपनी जान बचायी. बेकाबू गजराज ने तीन घंटे तक एनएच 84 पर उत्पात मचाया. इस दौरान एनएच 84 की रफ्तार थम सी गयी.
वाहनों की लंबी लाइन लग गयी. भड़का गजराज जिस इलाके में निकलता लोग जान बचाने के लिए भागने लगे. कई बार भगदड़ की स्थिति कायम हो गयी. कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने किसी तरह गजराज को काबू में किया.कुचल कर महावत की ले ली थी जान: गजराज के गुस्से ने आठ रोज पहले एक महावत की जान ले ली थी.
जुलूस में शामिल यह हाथी अचानक पागल हो गया. इसके बाद वहां भगदड़ मच गयी थी. घटना पिछले गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे हुई थी. जब मौनी बाबा की कांवर यात्रा बक्सर-आरा एनएच 84 पर प्रताप सागर गांव के पास से गुजर रही थी. पागल हाथी ने जुलूस में शामिल एक बच्चे को अपने सूढ़ में लपेटकर पटकना चाहा, लेकिन महावत ने उसे रोक लिया था. किसी तरह उक्त बच्चे को महावत ने बचा लिया, लेकिन खुद उसके गुस्से का शिकार हो गया. गजराज ने उसकी जान ले ली.
रेस्क्यू टीम ने कहा था डिस्टर्ब मत करना वरना: सनके हाथी को काबू में करने के लिए तीन थानों की पुलिस व जिले के अन्य महावतों को बुलाया गया था. लेकिन, तब भी हाथी का गुस्सा शांत नहीं हुआ था.
बाद में पटना से आये वन विभाग के अधिकारियों ने हाथी को गन इंजेक्शन से देकर बेहोश किया था. बेहोश होने के बाद उसे जंजीर से बांध दिया था. इसके बाद सख्त हिदायत दी थी कि कम से कम 15 दिन तक गजराज को छेड़ना नहीं है. वरना इसका गुस्सा बढ़ सकता है, लेकिन, ऐसा नहीं किया गया. आखिर किन परिस्थितियों में वन विभाग के एक्सपर्ट के आदेश की अवहेलना की गयी. यह जांच के बाद पता चलेगा.
एक किलोमीटर जाते ही भड़का हाथी: गजराज के नये महावत मुन्नू पिछले एक सप्ताह से उसके साथ था.
हाथी भी महावत से घुल मिल गया था. प्रताप सागर के पास पेड़ से बंधे उसकी हरकतें सामान्य होता देख बुधवार की सुबह मुन्नू उसे आरा ले जाने लगा. इसके लिए गजराज का जंजीर खोल दिया गया, लेकिन, एक किलोमीटर तक शांति से चलने वाला गजराज अचानक भड़क गया. गोपाल डेरा के पास पहुंचने से पहले वह गरजने लगा. तेज चिंघाड़ के साथ अपने पीठ पर सवार महावत मुन्नू को हिला कर गिराने लगा. गिरने के बाद मुन्नू ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचायी. बहरहाल हाथी अभी तांडव मचा रहा है.
आखिर बार-बार क्यों आ रहा गजराज को गुस्सा
सात दिन पहले गजराज ने महावत की पटक कर जान ले ली थी. आखिर गजराज को बार-बार गुस्सा क्यों आ रहा है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गजराज से छेड़छाड़ नहीं करनी है. हिदायत के बाद भी लोगों ने आज वही किया जिसके बाद गजराज का गुस्सा एक बार फिर भड़क उठा. उन्होंने कहा कि जानवर जब गुस्से में होते हैं तो उनकी शक्ति बढ़ जाती है और छोटी सी गलती पर भी आक्रामक हो जाते हैं.

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