सुपौल. जिले के छातापुर प्रखंड क्षेत्र के मध्य भाग में प्रवाहित सुरसर नदी पर शिवनी घाट के समीप लंबे अरसे से प्रस्तावित पुल का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है. नदी पर पुल नहीं बनाये जाने के कारण हजारों की आबादी को आर पार होने के लिए चचरी पुल ही विकल्प है. झखाड़गढ़ पंचायत स्थित शिवनी घाट पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण की मांग इलाकेवासी दशकों से कर रहे हैं. लेकिन जिला प्रशासन या बड़े जनप्रतिनिधि पुल निर्माण करवाने के प्रति गंभीर नहीं हो पा रहे हैं. जिसका नतीजा है कि इलाकेवासी जान जोखिम में डालकर चचरी पुल के सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं.
मालूम हो कि महद्दीपुर बाजार एवं चुन्नी पंचायत के समीप उच्च स्तरीय पुल बना हुआ है. दोनों पुल के बीच करीब 15 किलोमीटर की दूरी है और इन दूरी के बीच एक भी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. जिसके कारण झखाडगढ एवं रामपुर पंचायत दो भागों में विभक्त है. नदी के पूरब बसने वाली हजारों की आबादी को मुख्यालय आने जाने के लिए लंबी दूरी का फेरा लगाना पड़ता है. प्रतापनगर, इंदरपुर, मोहनपुर, कटहरा, मकुरजा हाट, ननकी, लालपुर हाट सहित कई गांव के लोग महद्दीपुर या फिर चुन्नी के रास्ते मुख्यालय अथवा गंतव्य तक जाने को मजबूर हो रहे हैं.
नदी में बारहो मास जल प्रवाहित रहता है. जबकि मानसून काल में नदी उफान पर रहती है. बताया जाता है कि आसपास के जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों के निजी सहयोग से चचरी पुल का निर्माण किया जाता है. साल में कई बार चचरी निर्माण के अलावे उसकी मरम्मत का कार्य भी कराया जाता है. जहां पैदल या दो पहिया वाहन वाले राहगीरों के लिए चचरी पुल वरदान साबित हो रहा है. यहां के लोगों ने बताया कि बीते पांच दशक से शिवनी घाट के समीप सुरसर नदी पर पुल निर्माण की मांग की जाती रही है.
पुल के लिए लोग तरस रहे हैं और इसके लिए कई चरण में आंदोलन भी हुए. प्रशासनिक अधिकारी व पदाधिकारियों को आवेदन देकर गुहार भी लगाया गया. यहां तक की स्थानीय सांसद व विधायक से भी पुल निर्माण के लिए लगातार मांग की जाती रही है. हालांकि सांसद व विधायक के द्वारा जल्द पुल निर्माण कराने का आश्वासन भी दिया गया. लेकिन पुल निर्माण की दिशा में अब तक सार्थक पहल होता नहीं दिख रहा है. वहीं, इस संदर्भ में बीडीओ रीतेश कुमार सिंह ने बताया कि शिवनी घाट पर पुल प्रस्तावित है, यह उनके संज्ञान में नहीं है. यदि ऐसा है तो प्रखंड स्तर पर टीम बनाकर स्थल की जांच करायी जायेगी. जांच प्रतिवेदन जिला योजना समिति को भेजकर पुल निर्माण के लिए अनुरोध किया जायेगा