जिले में 107 हैं सरकारी नाव, निबंधित हैं लगभग सवा सौ नाव
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नियमों की अनदेखी कर होता है नावों का परिचालन
जिले में 107 हैं सरकारी नाव, निबंधित हैं लगभग सवा सौ नाव आरा : भोजपुर जिले में नियमों की अनदेखी कर नावों का परिचालन किया जाता है. जिले में कई बार नाव हादसे भी हुए हैं लेकिन हर बार घटना के बाद कार्य योजना बनती है और इसके बाद फिर से स्थिति ज्यों-की- त्यों हो […]
आरा : भोजपुर जिले में नियमों की अनदेखी कर नावों का परिचालन किया जाता है. जिले में कई बार नाव हादसे भी हुए हैं लेकिन हर बार घटना के बाद कार्य योजना बनती है और इसके बाद फिर से स्थिति ज्यों-की- त्यों हो जाती है. भोजपुर जिले में शाहपुर, कोईलवर, बड़हरा और सहार प्रखंड में नाव का परिचालन होता है. शाहपुर व बड़हरा इलाके में गंगा नदी और कोईलवर व सहार में सोन नदी में नाव चलती है. हालांकि बड़हरा इलाके में नाव से यात्रियों का आना-जाना सबसे ज्यादा होता है.
भोजपुर जिले में सरकारी आंकड़ों के अनुसार सरकारी नाव 107 हैं और निबंधित करीब सवा सौ हैं. हालांकि जिले के विभिन्न घाटों पर बगैर निबंधन के ही नाव काफी संख्या में चलायी जाती है. ऐसी नावों की संख्या लगभग ढाइ सौ के करीब है. नावों के रख – रखाव को लेकर जो मापदंड है उनका भी ख्याल नहीं रखा जाता है.
नाविक तो इस पर ध्यान ही नहीं देते है और प्रशासनिक महकमा नावों के लिए तैयार नियमों की जांच भी नहीं करता है. भोजपुर जिले में कई नाव हादसे हुए. इसमें 10 सितंबर, 2012 को सहार के सोन नदी में बड़ा नाव हादसा हुआ था. इसमें 10 लोगों की मौत हो गयी थी. वहीं बड़हरा व शाहपुर में भी विगत दो वर्षों में नाव हादसे हुए थे, जिसमें आधा दर्जन लोगों की मौत हुई थी.
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रशासन की ओर से निबंधित नावों पर अधिकतम 30 लोगों के ही सवार होने की इजाजत दी गयी है. नावों के मापदंडों के जांच के लिए समय-समय पर अधिकारी जाते है. बगैर निबंधन के चल रही नावों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
कुमार रवींद्र, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी
नावों के लिए ये हैं नियम
नावों की मरम्मत नियमित रूप से करायी जाये
मनुष्यों के साथ जानवरों को सवार नहीं किया जाये
नाविक का प्रशिक्षित होना आवश्यक है
तेज धारा में सवारी से बचे
नावों पर पारंपरिक जीवन रक्षक उपकरण की व्यवस्था हो
क्षमता से अधिक लोगों को सवार न किया जाये
रात में लाइट की पूर्ण व्यवस्था हो
नाव में लाल झंडा लगा हुआ हो
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