आरा/वाराणसी : भागलपुर जिले के शाहकुंड प्रखंड के समस्तीपुर गांव निवासी कामरान ने पहले नाम बदल कर आरा की एक लड़की से मंदिर में शादी कर ली, फिर छह लड़कियों से 26 लाख रुपये ठगे लिये. वाराणसी पुलिस, एटीएस और एलआईयू की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. उस पर धर्म और नाम बदल कर लड़कियों से शादी करने का आराेप है.
उसके पास से दर्जन भर फेक आईडी, लैपटॉप, करीब दो लाख रुपये कैश और चोरी की कार बरामद हुई है. पुलिस के मुताबिक, अब तक वह छह लड़कियों को बेवकूफ बना कर 26 लाख रुपये हड़प चुका है.
नौवीं पास युवक बैंक मैनेजर बन लड़कियों को देता रहा धोखा
भागलपुर के समस्तीपुर गांव का रहनेवाला है आरोपित
यूपी पुलिस, एटीएस व एलआईयू की टीम ने पकड़ा
परिवारवालों को भी लिया झांसे में
कामरान ने बताया काशी में सरोज ने चंदौली की रहनेवाली अपनी सहेली स्वाती (काल्पनिक नाम) से मुलाकात करवायी. इसके बाद उसने स्वाति से फोन के जरिये दोस्ती की और घर तक पहुंच गया. बैंक मैनेजर मान कर उसके परिवारवालों ने भी काफी भरोसा दिखाया. उसको भी झांसे में लेकर मैंने बनारस के दुर्गाकुंड मंदिर में चुपके से शादी कर ली और पैसे हड़पता रहा.
पकड़े जाने पर अपना नाम बताया अविनाश
पकड़े जाने पर कामरान ने अपना नाम अविनाश कुमार सिंह ही बताया था, जबकि उसी के पास से ही कामरान नाम का सही आईडी कार्ड मिला. उसके पास से एक दर्जन फेक आईडी, एसबीआई के मैनेजर का एक फर्जी आईकार्ड, एक लैपटॉप, एक लाख 71 हजार रुपये कैश सहित कई सामान बरामद हुआ है. पुलिस ने कई धाराओं में केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है.
छह लड़कियों से ठगे 26 लाख
एसआई विनोद सिंह ने बताया कि कामरान दो महीने पहले स्वाति को लेकर दिल्ली के एम्स में इलाज कराने गया था. वहां उसने एंट्री रजिस्टर में पति का नाम अविनाश सिंह दर्ज कराया था. उसने स्वाति के आईडी कार्ड को बदल कर अविनाश की पत्नी करवा दिया. अब तक की जांच में छह से ज्यादा लड़कियों को बेवकूफ बनाने की बात सामने आयी है. वह इन लोगों से 26 लाख से ज्यादा की रकम ठग चुका है.
धर्म बदल कर लड़कियों से करता था शादी
पूछताछ में उसने बताया वह नौवीं पास है और वेल्डिंग की दुकान पर काम करता है. आरा की रहनेवाली एक लड़की को बेवकूफ बना कर अविनाश कुमार सिंह बन गया और उसने मंदिर में शादी भी कर ली. दो साल पहले काम की तलाश में पटना गया था. वापस आते समय आरा स्टेशन पर उसकी एक लड़की सरोज सिंह (काल्पनिक नाम) से मुलाकात हुई. बातों-बातों में दोस्ती हो गयी और मोबाइल नंबर भी शेयर हो गये. डेढ़ साल तक फोन पर बात होती रही. अप्रैल 2017 में उसने मिलने के लिए काफी दबाव बनाया तो कामरान बनारस आ गया. उसने खुद को एसबीआई का मैनेजर बताया था. उसे नौकरी दिलाने के नाम पर काफी रुपये लेता रहा और यहीं से उसे लड़कियों को पटा कर रुपये ठगने का आइडिया आया.