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यूजीसी का निर्देश : छात्र-छात्राओं की डिग्रियां होंगी ऑनलाइन

आरा : वीर कुंवर सिंह विवि के पीजी विभाग और अंगीभूत तथा संबद्ध कॉलेजों से उत्तीर्ण छात्र – छात्राओं के सर्टिफिकेट व अंकपत्र ऑनलाइन होंगे. विवि को अब छात्र – छात्राओं के कागजात ऑन लाइन नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी (एनएडी) पर अपलोड करना होगा. शैक्षणिक दस्तावेजों से धोखाधड़ी पर रोक के लिए यूजीसी द्वारा विवि को […]

आरा : वीर कुंवर सिंह विवि के पीजी विभाग और अंगीभूत तथा संबद्ध कॉलेजों से उत्तीर्ण छात्र – छात्राओं के सर्टिफिकेट व अंकपत्र ऑनलाइन होंगे. विवि को अब छात्र – छात्राओं के कागजात ऑन लाइन नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी (एनएडी) पर अपलोड करना होगा. शैक्षणिक दस्तावेजों से धोखाधड़ी पर रोक के लिए यूजीसी द्वारा विवि को इस दिशा में आवश्यक गाइड लाइन जारी किया गया है.
सूबे के सभी विश्वविद्यालयों के लिए यह गाइड लाइन है. विवि प्रशासन ने यूजीसी से मिले गाइड लाइन के बाद इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है. कॉलेजों से पास होने वाले छात्रों का ब्योरा ऑन लाइन होगा. इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों को रजिस्ट्रेशन करना होगा.
विवि एनएडी से रजिस्ट्रेशन करायेगा. इसके बाद ही विवि व इसके अंतर्गत आनेवाले सभी कॉलेजों में पढ़नेवाले छात्रों की डिग्रियां एवं सर्टिफिकेट डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेगी. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि छात्र जब चाहे पोर्टल पर जाकर अपने दस्तावेज को डाउनलोड कर सकते हैं.
इससे छात्र होंगे लाभान्वित : एनएडी से जुड़ने के कई फायदे विवि व छात्रों को मिलेंगे. अंकपत्र, डिग्री सहित अन्य सर्टिफिकेट ऑन लाइन उपलब्ध होगा. इस पोर्टल पर डिजिटल फॉर्मेट में सभी सर्टिफिकेट मौजूद रहेगा. अंकपत्र व डिग्री को छात्रों के आधार से जोड़ा जायेगा.
इसके अलावे हर छात्रों को डिजिटल लॉकर की सुविधा मुहैया करायी जायेगी. इसे एक लाभ यह भी होगा कि जो छात्र विवि से पढ़ाई करने के बाद अगर कहीं नौकरी कर रहे है, तो उनके दस्तावेजों का सत्यापन संस्था ऑन लाइन कर सकेगी. जबकि पहले कंपनियों द्वारा छात्रों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए विवि को पत्र जारी किया जाता था. विवि द्वारा पहले सत्यापन कर कंपनी को सूचित किया जाता था लेकिन अब ऑन लाइन ही संस्था सत्यापन कर सकेगी. इसके अलावे एक लाभ यह भी होगा कि छात्र कहीं से भी अपने अंक पत्र व डिग्री का प्रिंट निकाल सकेंगे. उन्हें किसी बहाली या नौकरी में जाने के दौरान पूरा दस्तावेज ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
बता दें कि यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय की भी पहल है. डिजिटल इंडिया के तहत दस्तावेजों के डिजिटल रिकॉर्ड रखने में सहायता होगी. एनएडी दस्तावेजों का सत्यापन करेगा.

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