आरा : बिजली की आंखमिचौनी से नगरवासी काफी परेशान हैं. एक तरफ ऊमस भरी गर्मी, तो दूसरी तरफ बिजली की कमी लोगों पर भारी पड़ रही है. सरकार द्वारा बिजली में सुधार का दावा जिले में फेल हो रहा है. सरकार द्वारा बिजली बिल में विगत कई वर्षों से बढ़ोतरी की जा रही है, ताकि उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति में कमी नहीं हो, पर ऐसा नहीं हो पा रहा है.
उपभोक्ता बिल की बढ़ोतरी की मार झेल रहा है और बिजली में सुधार नहीं होने का भी मार झेल रहा है. बिजली कटौती से नगर में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बारी-बारी से रोटेशन के आधार पर अलग-अलग फीडरों में बिजली दी जा रही है. वहीं वोल्टेज के उतार-चढ़ाव उपभोक्ताओं के लिए समस्या बनी हुई है.
वोल्टेज की बुरी स्थिति से उपभोक्ताओं को बिजली के उद्देश्य का एक तरफ लाभ नहीं मिल रहा है, तो दूसरी तरफ बिजली के उपकरण खराब हो रहे हैं. इससे उपभोक्ताओं को आर्थिक क्षति का भी सामना करना पड़ रहा है. बिजली के अभाव में लोगों को ऊमस भरी गर्मी में रहना मुश्किल हो रहा है.
रोटेशन के आधार पर दी जा रही है बिजली : सरकार द्वारा नगर को 20 से 22 घंटे बिजली देने का आदेश दिया गया था. गत वर्ष सरकार द्वारा नगर को 20 से 22 घंटे बिजली दी जा रही थी, पर गर्मी आते ही बिजली में कटौती की जाने लगी. इससे नगरवासियों का हाल-बेहाल है. कटौती का आलम यह है कि सभी फीडरों को रोटेशन के आधार पर बिजली दी जा रही है. नगर में बिजली आपूर्ति के लिए पांच फीडर कार्यरत हैं. विभाग द्वारा पांचों में बारी-बारी से बिजली देने से उपभोक्ता गर्मी से परेशान हो रहे हैं. वर्तमान में नगर को महज 12 से 14 घंटे की बिजली दी जा रही है. मजबूरी में विभाग रोटेशन के आधार पर बिजली आपूर्ति कर रहा है.
वोल्टेज में उतार-चढ़ाव का दंश झेल रहे हैं उपभोक्ता : विद्युत आपूर्ति के दरम्यान वोल्टेज में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है. घर में लगे बिजली के उपकरण ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं. इतना ही नहीं, लो वोल्टेज तथा हाई वोल्टेज के कारण उपकरण जल भी जा रहे हैं. इस कारण उपभोक्ताओं को काफी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है. विभाग द्वारा इस पर कोई कारगर कार्रवाई नहीं की जा रही है. लो वोल्टेज के कारण मोटर नहीं चल पा रहे हैं.
इससे पानी भरने में कठिनाई हो रही है. पानी के अभाव में लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
वोल्टेज में सुधार के लिए क्या है व्यवस्था
वोल्टेज स्थिर रखने के लिए विभाग द्वारा ट्रांसफाॅर्मर के पास अर्थिंग लगाया जाता है. वहीं सभी विद्युत पोल के पास भी अर्थिंग लगाने की व्यवस्था है. वहीं ट्रांसफाॅर्मर में गड़बड़ी होने पर भी वोल्टेज में उतार-चढ़ाव की स्थिति
पैदा होती है.
विभाग द्वारा इस पर समुचित कार्रवाई नहीं की जा रही है. इतना ही नहीं, ट्रांसफाॅर्मर की नियमित जांच नहीं की जाती है. इस कारण ट्रांसफाॅर्मर भी खराब हो जाते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर के लिए बिजली कम दी जा रही है. इस कारण रोटेशन के आधार पर बिजली देने की मजबूरी है. वोल्टेज में उतार-चढ़ाव की समस्या से निजात पाने के लिए कार्रवाई की जायेगी.
संजय कुमार बरियो, विद्युत कार्यपालक अभियंता