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नाले का नहीं है निकास, सड़क पर पानी

उदासीनता . कई मुहल्ले के लोग हो रहे हैं परेशान आरा : नगर निगम तथा पथ निर्माण विभाग द्वारा सब्जी गोला से चंदवा मोड़ तक लोगों की सुविधा के लिए नाले का निर्माण कराया गया, पर अब तक नाले का पानी कहां गिरेगा. इसके लिए उसके निकास की व्यवस्था नहीं की गयी. इस कारण नाले […]

उदासीनता . कई मुहल्ले के लोग हो रहे हैं परेशान

आरा : नगर निगम तथा पथ निर्माण विभाग द्वारा सब्जी गोला से चंदवा मोड़ तक लोगों की सुविधा के लिए नाले का निर्माण कराया गया, पर अब तक नाले का पानी कहां गिरेगा. इसके लिए उसके निकास की व्यवस्था नहीं की गयी. इस कारण नाले का पानी सीमित दूरी में ही सिमट कर रह जाता है. आलम यह है कि नाला भरने के कारण नाले का पानी लगातार सड़क पर कई जगह बहते रहता है. इतना ही नहीं, जिन घरों का प्लींथ नीचा है. उनके घर में ही नाले का पानी घुस जाता है.
पानी जाम होने से काफी गंदगी फैली रहती है तथा पानी से दुर्गंध निकलती है. इससे लोगों का रहना मुश्किल हो जाता है. सड़क पर पानी बहने से सड़क भी खराब होती है. जबकि नगर की व्यस्ततम सड़कों में यह सड़क है.
3.2 किमी है नाले की लंबाई : सब्जी गोला से चंदवा मोड़ तक बने नाले की लंबाई 3.2 किलोमीटर है तथा सड़क के दोनों किनारे नाले का निर्माण किया गया है, ताकि मुहल्लावासियों के घरों का पानी आसानी से नाले के माध्यम से निकाला जा सके. हालांकि निकासी नहीं होने से मुहल्लावासियों को इसका पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है. मुहल्लावासी इससे परेशान हैं. जबकि निगम द्वारा इस पर लाखों रुपये खर्च किये गये हैं.
अब भी निर्माण अधूरा : सड़क के दोनों किनारे बने नाले का निर्माण अब भी अधूरा है. सब्जी गोला से चंदवा मोड़ तक नाला कई जगह नहीं बन पाया है. नाला निर्माण की स्थिति ऐसी है कि कुछ दूरी में नाला बना है, तो कुछ दूरी तक उसका निर्माण नहीं हुआ है. यह स्थिति 3.2 किलोमीटर में कई जगह देखने को मिल रही है. इससे सभी मुहल्लों का पानी नाले में नहीं गिर पा रहा है. नाला का
उद्देश्य अब भी पूरा नहीं हो रहा है. नाला निर्माण की प्रक्रिया छह वर्ष पहले शुरू हुई थी, पर अब तक उसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है.
4 करोड़ 5 लाख 46 हजार से नाले व सड़क का होना था निर्माण : नाला निर्माण के साथ सड़क का भी पीचिंग होना था. इसके लिए 4 करोड़ 5 लाख 46 हजार की राशि का प्रावधान किया गया था. पर नाला निर्माण में काफी अनियमितता बरती गयी है. निर्माण में पैसों की बंदरबांट की गयी है. इससे नाला निर्माण का स्तर काफी घटिया है. नाले की दीवारों को कई जगह प्लास्टर भी नहीं कराया गया है. वहीं घटिया किस्म की ईंट का उपयोग किया गया है. इतना ही नहीं, सीमेंट की मात्रा मानदंड से कम देने के कारण नाला कई जगह टूटने के कगार पर है.
चंदवा पुल के पास नदी में गिराना था नाले का पानी
सब्जी गोला से चंदवा मोड़ तक बने नाले को चंदवा मोड़ से आगे आरा-बक्सर एनएच 84 पर चंदवा पुल तक नाले का निर्माण करना था ताकि नदी में पानी का गिराया जा सके. पर चंदवा मोड़ के पास नाला निर्माण बंद कर दिया गया है तथा दोनों तरफ के नाले को सड़क पर नाला बनाकर जोड़ा गया है. इससे मुहल्लों का पानी नाले में जाम होकर रह जाता है.
उसकी निकासी नहीं हो पाती है.
एनएचएआइ नहीं दे रहा एनओसी
चंदवा मोड़ से आगे एनएच 84 होने के कारण नाला निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र देना जरूरी है. पर नाला निर्माण के छह वर्ष बीत जाने के बाद भी अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है. अब एनएचएआइ के अधिकारी ही बता सकते हैं कि इसके लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र क्यों नहीं दिया जा रहा है. एनएचएआइ के अधिकारी ने बताया कि कोई आवेदन अब तक नहीं आया है.

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