विवि सूत्रों के अनुसार एसओ में प्रोन्नति देने के लिए राजभवन से वर्ष 2014 में विवि में पत्र लिखा गया था. इसमें प्रोन्नति से संबंधित सारी प्रक्रिया का उल्लेख किया गया था. विवि सूत्रों के अनुसार पत्र आने से पहले ही कर्मचारियों को प्रोन्नति दे दी गयी थी. प्रशाखा पदाधिकारी में प्रोन्नति के लिए वर्ष 2015 में परीक्षा विवि में आयोजित की गयी थी. पास होने के बाद प्रोन्नति दी जाती है. विवि में जाेरों पर चर्चा है कि 30 मई को सिंडिकेट की बैठक होनेवाली है. इसमें प्रशाखा पदाधिकारी को प्रोन्नति दिये जाने पर विचार किया जा जायेगा.
दावा शाखा के वरीय सहायक अशाेकानंद ठाकुर, एकाउंट शाखा के सहायक वसीम अहमद व सहायक सुबोध चौधरी ने प्रोन्नति में गड़बड़ी को लेकर विरोध किया है. प्रोन्नति को लेकर हाइकोर्ट में मामला दायर किया है. विवि के प्रशाखा पदाधिकारी से मामले को लेकर बात करना चाहा, तो कुछ भी बोलने से बचते रहे. विवि प्रशासन अधिकारी से मामले को लेकर बात करना चाहा, तो कुछ भी बोलने से इनकार किया.
राजभवन के रेगुलेशन के तहत सहायक को ही इसका लाभ मिलना था. लेकिन विवि ने अनुकंपा पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों को भी एसओ में प्रमोशन दिया. गड़बड़ी को लेकर फरवरी में ही हाइकोर्ट में मामला दायर किया है. कोर्ट से विवि को पत्र भेज जवाब मांगा. लेकिन विवि ने अब तक कोर्ट को कोई जवाब नहीं दिया है.