उसने कहा कि पांच अप्रैल को गोविंदपुर निवासी उमर फारूख, मो आफताब, शेख मुख्तार, लियाकत, मो गफ्फार, शेख जमाल, शेख मंजर, शेख गुफरान, शेख आलम, शेख इकबाल, शेख खुर्शीद, शेख अजीज, शेख सत्तार, सुरेश यादव, शेख महफूज, शेख सद्दाम, शेख सिराज आदि हथियार से लैस होकर घेर लिया. सभी औरतों के साथ छेड़छाड़ करने लगे. अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे, पांच लाख रुपये रंगदारी मांगने लगे. इसके अलावा शराब पीने के लिए प्रत्येक महीने दो हजार की मांग करने लगे.
घर में रखा लगभग एक लाख का सामान उन लोगों ने नष्ट कर दिया. फिरोज का कहना है कि अगल-बगल के लोगों ने उसके परिवार की जान बचायी. उसका कहना है कि उसकी खरीदी जमीन पर वे लोग जबरन कब्जा करना चाहते हैं. उसने यह भी कहा कि वे लोग शराब और जुआ का अड्डा चलाते हैं. उसने डीआइजी को बताया कि इस घटना की लिखित शिकायत लेकर वह 10 और 27 अप्रैल को एसएसपी कार्यालय पहुंचा. उसकी शिकायत पर एसएसपी ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश भी दिया, पर उसके आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. डीआइजी ने पीरपैंती थानाध्यक्ष से आवेदन पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. शुक्रवार को पीरपैंती थानाध्यक्ष परशुराम सिंह से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई आवेदन उन्हें नहीं मिला है.