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आरोपितों को सात साल की कैद

बैंक लूटकांड. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, एसएसपी ने किया दौरा भागलपुर : द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश की अदालत ने घंटाघर स्थित बिहार ग्रामीण बैंक में 49 लाख रुपये की लूट मामले में शुक्रवार को कन्हैया यादव समेत मुकेश यादव, सनोज यादव, विक्की […]

बैंक लूटकांड. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई

अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, एसएसपी ने किया दौरा
भागलपुर : द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश की अदालत ने घंटाघर स्थित बिहार ग्रामीण बैंक में 49 लाख रुपये की लूट मामले में शुक्रवार को कन्हैया यादव समेत मुकेश यादव, सनोज यादव, विक्की कुमार पाल, अमित रजक व जगदीश सिंह को सात-सात साल की कैद की सजा सुनायी. इसके अलावा 15 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया. मामले में साक्ष्य के अभाव में 10 आरोपित कन्हैया यादव की बेटी रुचि कुमारी, पुलटुन कुमार, दिवाकर यादव, कंचन देवी, जीरा देवी, दिलीप यादव, राजेंद्र पाल, विपिन यादव, मिथिलेश कुमार व एक अन्य हैं.
यह है मामला : 26 मई 2015 की शाम 4.15 बजे घंटाघर के बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा में कन्हैया यादव व उसके पांच साथी बैंककर्मियों को बंधक बना लिया. अपराधियों ने बैंक कर्मचारियों को बंदूक दिखा कर बाथरूम में बंद कर दिया. इसके बाद कैशियर जय शेखर से लॉकर की चाबी मांगने लगे. कैशियर ने लॉकर की चाबी नहीं दी तो उसे बंदूक की बट मार जख्मी कर दिया. कैशियर की जेब से चाबी छीन कर लॉकर में रखे 49 लाख 10 हजार 372 रुपये अपराधियों ने बैग में रख लिया था.
अपराधी जाते-जाते सीसीटीवी कंट्रोलिंग मशीन भी ले गये. बैंक लूटकांड के बाद अपराधियों ने शाखा के अंदर टेबल के ऊपर एक बम रख दिया. बैंक कर्मियों को धमकी दे गये कि अगर पुलिस को शिकायत की तो बम को रिमोट से उड़ा देंगे. इस दौरान जाते-जाते बैंक के सरवर व कंप्यूटर को तोड़ दिया और सीसीटीवी कंट्रोलिंग मशीन ले गये.
इस कारण घटना के कुछ देर बाद बैंककर्मियों ने आदमपुर पुलिस को घटना की जानकारी मोबाइल पर दी. पुलिस के आने के बाद बाथरूम में बंद बैंककर्मियों को बाहर निकाला गया था. मामले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक किशोर कुमार चौधरी के बयान पर लूट का मामला दर्ज किया गया था. अनुसंधान के क्रम में कन्हैया यादव गैंग का नाम सामने आया था. पुलिस ने कन्हैया के मधुसूदनपुर स्थित करेला दियारा आवास पर छापेमारी की थी. जिसमें लूटी गयी कुछ राशि पुलिस के हाथ लगी थी.
बाद में पुलिस की दबिश को देख कर कन्हैया ने अदालत में सरेंडर कर दिया था. बैंक डाका में कन्हैया का नाम होने के बाद उसे फरारी घोषित कर दिया. उसे पकड़वाने वाले को तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार ने 50 हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की थी. कन्हैया नाथ नगर के राघोपुर गांव का रहने वाला था.
साक्ष्य के अभाव में 10 आरोपित बरी
11 दिसंबर 2015 को कन्हैया यादव ने किया था सरेंडर
घंटाघर के ग्रामीण बैंक लूटकांड का मास्टरमाइंड कन्हैया यादव ने 11 दिसंबर 2015 को सीजेएम त्रिभुवन यादव की अदालत में दोपहर एक बजे सरेंडर कर दिया.
पुलिस की दबिश से ग्रामीण बैंक लूटकांड का मास्टरमाइंड कन्हैया ने सरेंडर किया था. बाकी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस की टीम ने सही दिशा में काम किया और इसमें अभियोजन पक्ष का अच्छा सहयोग मिला. कन्हैया कई मामलों में पहले भी चार्जशीटेज था. उसको सजा होने से अपराधियों के मन में भय होगा.
अदालत परिसर में एसएसपी ने लिया सुरक्षा का जायजा
ग्रामीण बैंक लूटकांड के मास्टरमाइंड कन्हैया यादव ने 1 मई को सजा सुनाये जाने के बाद हाजत जाते समय हंगामा किया था. इस हंगामा में उसने मीडिया कर्मियों व न्यायिक कर्मियों के खिलाफ अनाप-शनाप बोला था. काफी मशक्कत के बाद कन्हैया यादव को वैन में बिठाया गया. इस बात को लेकर शुक्रवार को न्यायिक परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी. एसएसपी मनोज कुमार ने औचक निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लिया. इस दौरान जीराेमाइल थाना प्रभारी, आदमपुर थाना प्रभारी, तिलकामांझी थाना प्रभारी, ललमटिया थाना प्रभारी व नाथनगर थाना प्रभारी, मधुसूदनपुर थाना प्रभारी भी मौजूद थे.
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