भागलपुर : बागबाड़ी बाजार समिति में गठित व्यावसायिक संघ को दो फाड़ करने की कोशिश रविवार को सामान्य बैठक में हुई. कुमार अनुज के पक्ष में रासबिहारी भगत व अन्य ने तत्काल संघ अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों को हटाने की मांग की. आरोप लगाया कि उन्होंने कुमार अनुज का पक्ष प्रशासनिक जांच कमेटी के सामने […]
भागलपुर : बागबाड़ी बाजार समिति में गठित व्यावसायिक संघ को दो फाड़ करने की कोशिश रविवार को सामान्य बैठक में हुई. कुमार अनुज के पक्ष में रासबिहारी भगत व अन्य ने तत्काल संघ अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों को हटाने की मांग की. आरोप लगाया कि उन्होंने कुमार अनुज का पक्ष प्रशासनिक जांच कमेटी के सामने क्यों नहीं रखा. यह बात होते ही बैठक में हंगामा शुरू हो गया. समस्या पर चर्चा के बजाय आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलने लगा.
कुमार अनुज के पक्षकार ने संघ अध्यक्ष से कहा कि बाजार को बसाने संबंधी कृषि विभाग के निर्देश को जांच कमेटी के सामने पेश करना चाहिए था. इसके विरोध में कुछ दुकानदारों ने कुमार अनुज पर बाजार का अस्तित्व खतरे में देने की बात कही. उन्होंने कुमार अनुज पर अवैध वसूली और अब संगठन को कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया. हंगामा के बीच संगठन अध्यक्ष बदलने की बात हुई, तो तत्काल अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया शुरू हो गयी.
वर्तमान अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह व रासबिहारी भगत के बीच अध्यक्ष चयन का चुनाव होने लगा. हाथ उठा कर समर्थन देने में रासबिहारी के पक्ष में कम दुकानदार आगे आये. इस तरह अध्यक्ष राजेश सिंह के पक्ष में सभी दुकानदारों ने समर्थन जताया.
कुमार अनुज के पक्षकार ने कहा. रासबिहारी भगत व अन्य ने कहा कि 9 दिसंबर 2016 को कृषि विभाग के प्रशासक हिमांशु कुमार राय ने विघटित बाजार समिति के सभी संसाधन के समुचित उपयोग का पत्र जारी किया था. बाजार समिति के विशेष पदाधिकारी को एक समेकित कार्य योजना बनाने के लिए कहा था. इसके बाद कुमार अनुज ने दुकान बसाने का काम शुरू किया था.
दुकानदारों का संघ अध्यक्ष व अन्य ने सुना दर्द. संघ अध्यक्ष व अन्य ने एस-4 की दुकान संख्या-45, 46, 47 के उद्घाटन में शामिल होने के बाद एक-एक करके दुकानदारों का दर्द सुना. दुकानदार वीरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि मुझे घर से बागबाड़ी में दुकान नहीं लेने की बात कही गयी थी, इसके बाद भी संपत्ति बेच कर बागबाड़ी में अपना व्यवसाय शुरू किया. अब मैं किस मुंह से वापस घर जाऊंगा.
संघ का आह्वान : बागबाड़ी बाजार नहीं, 1460 परिवार के जीवनयापन का है मामला
बागबाड़ी व्यावसायिक संघ के बैनर तले दुकानदारों ने रविवार को आवंटन को लेकर प्रशासनिक जांच पर विचार किया और न्यायिक लड़ाई लड़ने की हुंकार भरी. कहा कि अब यह बागबाड़ी बाजार नहीं रह गया है. यह 1460 परिवारों के जीवनयापन का मामला है. दुकान बसाने के लिए पैसे लिये गये, इसके एवज में रसीद नहीं दिये. दुकानदारों से एकरारनामा भी नहीं किया और अब आवंटन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इससे दुकानदार नहीं डरेंगे. कृषि विभाग के प्रशासक से मिलेंगे और इसको लेकर समय भी तय हो गया है. अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि किसी के धमकी में नहीं आयेंगे, न्याय की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ी जायेगी. शायरी के माध्यम से दुकानदारों को कहा कि जीत निश्चित हो तो कायर भी जंग लड़ लेते हैं. बहादुर तो वह लोग हैं जो हार निश्चित हो फिर भी मैदान नहीं छोड़ते हैं. भरोसा ईश्वर पर है तो जो लिखा है तकदीर में वो ही पाओगे मगर भरोसा अगर खुद पर है तो ईश्वर वही लिखेगा जो आप चाहोगे.