भागलपुर: प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी की कोर्ट ने दहेज के लिए विवाहिता की हत्या के जुर्म में शुक्रवार को ससुर परशुराम यादव को दोषी करार दिया. उनके खिलाफ 12 अप्रैल को सजा सुनायी जायेगी. कोर्ट ने मामले में विवाहिता काजल की हत्या के आरोप से पति संदीप कुमार यादव, भैंसुर राजेश यादव, संजय […]
भागलपुर: प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी की कोर्ट ने दहेज के लिए विवाहिता की हत्या के जुर्म में शुक्रवार को ससुर परशुराम यादव को दोषी करार दिया. उनके खिलाफ 12 अप्रैल को सजा सुनायी जायेगी. कोर्ट ने मामले में विवाहिता काजल की हत्या के आरोप से पति संदीप कुमार यादव, भैंसुर राजेश यादव, संजय यादव, परशुराम यादव की पत्नी सरस्वती यादव, बेबी यादव को बरी कर दिया. सरकार की ओर से मामले में अपर लोक अभियोजक जयप्रकाश सिंह व बचाव पक्ष से अरुण झा ने पैरवी की.
यह था मामला :हाजीपुर(साहेबगंज, झारखंड) के संजय कुमार यादव की बेटी काजल कुमारी की शादी कमलचक (ईशीपुर बाराहाट) के संदीप कुमार यादव से हुई थी. शादी के ढाई माह बाद से ससुराल पक्ष ने काजल कुमारी को दहेज के लिए तंग करना शुरू कर दिया. काजल कुमारी से सात लाख रुपये व एक मोटरसाइकिल की डिमांड होने लगी. इस बात को लेकर काजल कुमारी ने अपने पिता संजय कुमार यादव के गरीब होने की बात कही. इस बात पर उसके पति संदीप कुमार यादव सहित ससुराल पक्ष के सभी लोग ससुर परशुराम यादव, उसकी पत्नी सरस्वती देवी, भैंसुर राजेश कुमार यादव भड़क जाते. उसके साथ मारपीट भी करते थे.
22 अगस्त 2012 को काजल के हत्या की सूचना उसके पिता संजय कुमार यादव को आयी. तभी उसका पति संदीप कुमार यादव मौके पर नहीं था. पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.
काजल व संदीप कुमार यादव ने भाग कर की थी शादी: घटना से ढाई महीने पहले ही काजल व संदीप कुमार यादव की शादी हुई थी.
साहेबगंज(झारखंड) के हाजीपुर निवासी काजल कुमारी का ननिहाल कमलचक में था. उसके नाना के मकान के पड़ोस में संदीप कुमार यादव रहता था. तभी संदीप कुमार यादव फौज में था तथा अंबाला में तैनात था. संदीप कुमार यादव व काजल कुमारी अंबाला भाग गयी और वहां शादी कर ली. शादी की सूचना काजल के पिता संजय कुमार यादव को मिली. किसी तरह से मान-मनौव्वल के बाद शादी को पारिवारिक मान्यता मिली.