भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विवि प्रशासन स्थानीय एजेंसी को तीन लाख कॉपी छपाई करने का आॅर्डर देने जा रहा है. कॉपी छपाई को लेकर विवि में तरह-तरह की चर्चा है. चर्चा है कि टेंडर बिना निकाले कॉपी छपाई के लिए विवि आर्डर करने जा रहा है. बाहर से छपाई कराने पर एक कॉपी की कीमत 12 […]
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विवि प्रशासन स्थानीय एजेंसी को तीन लाख कॉपी छपाई करने का आॅर्डर देने जा रहा है. कॉपी छपाई को लेकर विवि में तरह-तरह की चर्चा है. चर्चा है कि टेंडर बिना निकाले कॉपी छपाई के लिए विवि आर्डर करने जा रहा है. बाहर से छपाई कराने पर एक कॉपी की कीमत 12 रुपये होगी. हालांकि दो दिन पहले परीक्षा विभाग के विशेष प्रभार में डॉ योगेंद्र ने कहा था कि पार्ट टू परीक्षा के लिए कॉपी बाहर से नहीं खरीदारी की जायेगी.
विवि प्रशासन कागज की खरीदारी करेगा. विवि प्रेस में ही कॉपी की छपाई करायी जायेगी. कॉपी छपाई से परीक्षा तिथि में थोड़ा बहुत लेट हो सकता है. प्रोक्टर ने कहा था कि कागज की खरीदारी को लेकर विवि प्रशासन ने बैठक की थी. कागज खरीदारी के लिए विवि क्रय समिति को फाइल बढ़ायी गयी है. चर्चा है कि विवि प्रशासन आनन-फानन में बिना टेंडर के ही कॉपी की छपाई के लिए स्थानीय एजेंसी को आर्डर कैसे दिया. नियम के तहत बाहर से कॉपी खरीद के लिए टेंडर विवि से निकाला जाता है. यदि विवि पर पार्ट टू की परीक्षा का दबाव था, तो विवि परीक्षा की तिथि और आगे बढ़ा सकता था. पहले ही सत्र एक साल लेट चल रहा है.
चर्चा है कि क्या एजेंसी तीन लाख कॉपी की छपाई कर समय पर विवि को उपलब्ध करा पायेगी. विवि में सवाल उठने लगा है कि बाहर से कॉपी छपाई की पहले से योजना विवि चल रही थी. विवि अचानक से कॉपी छपाई के लिए स्थानीय एजेंसी को आर्डर दिया. इस मामले को लेकर प्रोक्टर डॉ योगेंद्र से बात करना चाहा, तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. विवि पीआरओ से बात करें. कुलपति प्रो नलिनीकांत झा को बाहर से कॉपी छपाई कराने पर 12 रुपया खर्च बताया गया है. कुलपति पांच रुपये प्रति कॉपी देने की बात कर रहे हैं.
कागज खरीदारी व छपाई को लेकर ढ़ाई महीना लग जाता. परीक्षा समय पर नहीं हो पाती. ऐसे में विवि ने कॉपी बाहर से खरीद करने का निर्णय लिया है. कॉपी संबंधित एजेंसी से कोटेशन मांगा जा रहा है. न्यूतम कीमत पर जो एजेंसी कॉपी उपलब्ध करायेगी, उसी से कॉपी खरीद की जायेगी. एजेंसी से 15 से 16 अप्रैल तक कॉपी विवि को उपलब्ध कराने के लिए कहा जायेगा. कॉपी खरीद को लेकर अभी कोई आर्डर नहीं दिया गया है.
प्रो अशोक ठाकुर, पीआरओ विवि