वाटर वर्क्स के सप्लाई में आ रहा गंदा व बदबूदार पानी
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पानी के लिए मचेगा हाहाकार, कोई तैयारी नहीं
वाटर वर्क्स के सप्लाई में आ रहा गंदा व बदबूदार पानी इंटक वेल के पास चैनल बनाने में 60 लाख हुए थे खर्च भागलपुर : पिछले चार साल से गरमी में पानी के लिए हाहाकार मचता रहा, लेकिन गरमी में जल संकट न हो इसकी तैयारी नहीं हो रही है. शुरुआती गरमी में अभी से […]
इंटक वेल के पास चैनल बनाने में 60 लाख हुए थे खर्च
भागलपुर : पिछले चार साल से गरमी में पानी के लिए हाहाकार मचता रहा, लेकिन गरमी में जल संकट न हो इसकी तैयारी नहीं हो रही है. शुरुआती गरमी में अभी से जल संकट शुरू हो गया है. आधे शहर को वाटर वर्क्स से जलापूर्ति होती है, लेकिन वाटर वर्क्स में पानी की स्थिति बहुत ही खराब है. इंटक वेल के पास एक फुट पानी बचा है, वह गंगा नदी का नहीं, बल्कि शहर के नाले का है. नाले के पानी को ट्रीटमेंट कर शहर के जल मीनार और जनता नल में भेजा जा रहा है. वह गंदा के साथ बदबूदार भी है, लेकिन इसे सही नहीं किया जा रहा है. एजेंसी का रोना है कि वह बुडको से आर्डर मिलने पर ही वह चैनल बनाने का काम शुरू करेगी.
बुडको के अधीक्षण अभियंता वाटर वर्क्स की स्थिति को देखते हुए आदेश प्राप्ति के लिए पटना मुख्यालय गये हैं. गत वर्ष इंटक वेल के पास चैनल बना कर गंगा के मुख्य धार से पानी लाने में लगभग 60 लाख रुपये खर्च हुए थे. इस बार एजेंसी के अनुसार 25 लाख रुपये में काम हो जायेगा. एजेंसी के पास खुद का बिजली वाला जेनसेट है. बस बुडको के आदेश का इंतजार है. एजेंसी भी चाहती है कि इसका स्थायी निदान निकल जाये. गंगा के धार को यहां तक लाने के लिए ड्रेनेज मशीन से रास्ता बनाया जाये और एक छोटी मशीन यही पर रखी जाये. अगर पानी कम हुआ तो मशीन से फिर रास्ता बना दिया जाये. इस स्थायी निदान के बारे में बुडको के इंजीनियर व एजेंसी के अधिकारी काम कर रहे हैं.
एक बार पार्षदों ने उठायी आवाज अब लग गये चुनाव की तैयारी में
नल से गंदा और कीड़ायुक्त पानी निकलने को लेकर निगम परिसर में पिछले साल पार्षदों ने आमरण-अनशन किया था. एजेंसी के द्वारा शहर में जलापूर्ति व्यवस्था ठीक करने के बाद अनशन टूटा था, लेकिन अभी आने वाले दिनों में शहर में जो जल-संकट होने वाला है उसके निदान के लिए पार्षद अभी आगे नहीं आये हैं. अभी पार्षदों को सिर्फ चुनाव की चिंता है. वह अपने वार्ड पर सही से ध्यान नहीं दे रहे हैं. निगम के रूटीन में हर वार्ड में सफाई होती है, उसी तरह सफाई हो रही है. नाले का पानी नाले से बाहर आ रहा है. नाले की सफाई नहीं हो रही है. कुछ पार्षद अपने वार्ड की समस्या पर ध्यान दे रहे हैं. वार्ड पार्षद संजय कुमार सिन्हा ने तो गंदा पानी के मुद्दे पर जनता के साथ मिल अभियान ही चला दिया था. वार्ड 28 के गोपाल यादव, वार्ड 29 के सुनील कुमार सिंह, मनीष,बमबम आदि का कहना है कि गंदा और बदबूदार पानी किसी काम का नहीं है.
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