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जिंदे का पता नहीं, मुरदे को पेंशन

पंचायत का हाल. पंचायत सचिव के भरोसे होता है पेंशन लाभुक काे भुगतान भागलपुर : जिले के पंचायतों में मुरदे को पैसा बांटने के लिए बजट है, पर जिंदा इनसान को पेंशन का दर्शन नहीं हो रहा. कुछ प्रखंड में पूरी पंचायत या कुछ पंचायत के बहुतायत लाभुकाें को छह या 12 महीने नहीं, बल्कि […]

पंचायत का हाल. पंचायत सचिव के भरोसे होता है पेंशन लाभुक काे भुगतान

भागलपुर : जिले के पंचायतों में मुरदे को पैसा बांटने के लिए बजट है, पर जिंदा इनसान को पेंशन का दर्शन नहीं हो रहा. कुछ प्रखंड में पूरी पंचायत या कुछ पंचायत के बहुतायत लाभुकाें को छह या 12 महीने नहीं, बल्कि दो-दो वर्ष से पेंशन नहीं मिली है. गोपालपुर प्रखंड की तिनटंगा करारी पंचायत के पेंशनर को दो वर्ष से पेंशन नहीं मिली है. स्थिति यह है कि प्रत्येक प्रखंड के कई पंचायत में 70 से 80 फीसदी लाभुक की पेंशन बकाया है. यह हाल तब है, जब हर बार जिला से बजट की राशि सभी प्रखंड को बराबर-बराबर दी जाती है, तो प्रखंड सभी पंचायत में समान अनुपात में पेंशन का बजट क्यों नहीं भेजी जाती.
यही कारण है कि कुछ पंचायत के लाभुक खुलेआम भेदभाव की बात कर रहे हैं. जिला प्रशासन भी कोई उचित कदम नहीं उठा रहा. ऐसी कार्यप्रणाली प्रखंड से पेंशन के उपयोगिता प्रमाण पत्र पर भी सवाल खड़ा कर रहा है. पूरी तरह पंचायत सचिव के भरोसे वितरण छोड़ने से हस्ताक्षर वाले कागज पर नियमित जांच नहीं होती है. इस कारण राशि मनमाफिक तरीके से बंटता है.
बिहपुर प्रखंड में भी अग्रिम राशि के एवज में नहीं जमा हुआ वाऊचर. बिहपुर प्रखंड में तो पेंशन वितरण को लेकर रोचक मामला लंबित हैं. प्रखंड से पेंशन बांटने के लिए अग्रिम राशि ली गयी. अब इस राशि के एवज में वाउचर नहीं दिया गया है. इस कारण राशि का समायोजन ही नहीं हो रहा है. नतीजतन कोषागार से समायोजन नहीं होने का सवाल उठा है.
कुछ तो गड़बड़ है…
गोपालपुर के तीनटंगा करारी में दो वर्ष से नहीं मिली पेंशन
प्रशासन का ध्यान नहीं
कार्रवाई. प्रखंड बजट मिलने पर पंचायत सचिव को चेक देकर जिला को उपयोगिता प्रमाण पत्र भेज देते हैं.
सवाल. प्रमाण पत्र से शून्य रिपोर्ट होती है, मगर उसमें पंचायत वार जानकारी नहीं होती है.
कार्रवाई. पंचायत सचिव को चेक देकर प्रखंड से लाभुक वार मॉनीटरिंग नहीं होती है.
सवाल. पंचायत सचिव ने चेक से राशि निकाल कितनी फीसदी राशि बांटी, इसकी मॉनीटरिंग सही से नहीं होती है.
कार्रवाई. पंचायत सचिव ने सभी राशि का वितरण कर लाभुक के हस्ताक्षर वाला कागज दिया जाता है.
सवाल. पंचायत सचिव ने जिंदा को राशि दी, या मुरदे को. इसके हस्ताक्षर या स्पॉट वेरिफिकेशन नहीं होता है.

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