शुक्रवार को पूरे दिन आंशिक रूप से बादल छाये रहे. 5.1 किमी प्रति घंटे की औसत रफ्तार से पछुआ हवाएं बही. गुरुवार की तुलना में 1.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ शुक्रवार को अधिकतम तापमान 19.6 पर आ गया जबकि मामूली वृद्धि के साथ न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा. आर्द्रता 100 फीसदी रही.
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हाड़ कंपानेवाली ठंड कोहरा भी छाया रहा
भागलपुर: कश्मीर में हो रही बर्फबारी का असर पूर्वी बिहार पर कहर बन कर पड़ने लगा है. मौसम पल-पल अपना रंग बदल रहा है. दिन में दोपहर बाद धूप चमक रही है तो पछुआ हवाएं देह में कनकनी बढ़ा रही है. सर्द मौसम की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सबसे अधिक परेशानी रात […]
भागलपुर: कश्मीर में हो रही बर्फबारी का असर पूर्वी बिहार पर कहर बन कर पड़ने लगा है. मौसम पल-पल अपना रंग बदल रहा है. दिन में दोपहर बाद धूप चमक रही है तो पछुआ हवाएं देह में कनकनी बढ़ा रही है. सर्द मौसम की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सबसे अधिक परेशानी रात में रिक्शा चालकों एवं राहगीरों को झेलनी पड़ रही है. जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) की ओपीडी में आनेवाले मरीजों एवं तीमारदारों के लिए तो ये सर्दी मुसीबत का सबब बन गया है.
शुक्रवार को दोपहर तक का मौसम सर्द था तो दोपहर एक बजे के बाद आसमान साफ हुआ और सूरज देव चमके. बावजूद दिन के मौसम के तेवर में कोई खास बदलाव नहीं दिखा. धूप के बावजूद माैसम सर्द बना हुआ था. सायं चार बजे के बाद तो माैसम और भी सर्द हो गया. रह-रह कर हवाएं बदन में कनकनी बढ़ा रही थी. दिन ढलते-ढलते ज्यादातर लोग अपने-अपने घर में जा चुके थे.
दूसरी ओर आस्था की राह में भी ठंड असर दिखाने लगी है. कई दिनों से सूर्य देव के बादलों में छिपे होने के कारण शहर के प्रमुख मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों की संख्या में पहले से कुछ कम आयी है. ठंड की वजह से मंदिरों में भगवान को नमन करने वाले भक्त कम हो गये हैं. महिलाएं व बच्चे पहले की अपेक्षा में कम आ रहे हैं.
अभी चार दिन सर्द रहेगा मौसम
मौसम वैज्ञानिक डॉ वीरेंद्र कुमार के मुताबिक, अभी सर्दी का तेवर ऐसे ही रहेगा. इसके बाद कोहरा कम होगा. दिन में आंशिक बदरी छायी रहेगी. रात का तापमान आठ से नौ डिग्री सेल्सियस के बीच जबकि दिन का पारा और गिर कर 17 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. सुबह-शाम और रात बेहद सर्द रहेगी. पहाड़ों पर बर्फबारी जारी है
अलाव की कमी
जेएलएनएमसीएच से लेकर सदर अस्पताल परिसर में अब तक सरकारी स्तर पर एक बार भी अलाव नहीं जला. शाम ढलतेे ही यहां पर भरती मरीजों के परिजन हॉस्पिटल में अंदर रहने को विवश हैं. अगर किसी को दवा आदि की जरूरत रात में पड़ी तो उसकी तकलीफ बढ़ जाती है. सबसे ज्यादा परेशानी सदर अस्पताल एवं मायागंज की ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को हाे रही है.
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