11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इस तरह बीत जाती है पहली जनवरी भी

भागलपुर : टिकटिक कर रही घड़ी की सूई के बारह पर पहुंचते ही 2017 ने प्रवेश कर लिया. जश्न में पटाखे छूटने लगे. क्लब और होटलों में डीजे की धुन पर थिरक रहे सूटेड-बुटेड लोग हैप्पी न्यू इयर के शोर के बीच एक-दूसरे को बधाई देने में मशगूल हो गये. दो तिहाई आबादी शहर में […]

भागलपुर : टिकटिक कर रही घड़ी की सूई के बारह पर पहुंचते ही 2017 ने प्रवेश कर लिया. जश्न में पटाखे छूटने लगे. क्लब और होटलों में डीजे की धुन पर थिरक रहे सूटेड-बुटेड लोग हैप्पी न्यू इयर के शोर के बीच एक-दूसरे को बधाई देने में मशगूल हो गये. दो तिहाई आबादी शहर में जश्न मना रहा था. इनके लिये आधी रात को ही नये साल का सूरज निकल गया, लेकिन एक चौथाई आबादी सो रहा था. हर साल इन लोगों को नये साल के सूरज निकलने का इंतजार रहता है.

भीखनपुर गुमटी नंबर एक के पास प्लास्टिक की छत के नीचे पल रहे कई लोगों को क्या पता कि नूतन वर्ष का अभिनंदन हो चुका है. गरीबी रेखा के नीचे जी रहे लोगों को तो बस दो वक्त का भोजन चाहिए. अर्से से वह इसी जद्दोजहद में जुटे हैं. रेलवे लाइन के दोनों ओर बने झोपड़ियों के बाहर कंपकंपाती ठंड के बीच नंगे पांव, खुले बदन धमाचौकड़ी मचा रहे बच्चे नये साल के जश्न से कोसों दूर हैं.

गोला खाने के बाद हाथों में रैकेट लेकर वह बैडमिंटन खेलने में मस्त हैं. भीखनपुर ही नहीं मायागंज अस्पताल व बरारी हाउसिंग बोर्ड कालोनी के समीप स्थित मुसहरी, बरहपुरा, मुंदीचक समेत प्रशासन द्वारा चिह्नित एक दर्जन स्लम एरिया का यही हाल है. नये साल को लेकर गुलजार रहा बाजार. क्या-क्या नहीं बिका. पर बमुश्किल पर्व-त्योहार मनानेवाले ऐसे लोग नये साल का जश्न मनाने में लाचार हैं. जिस दिन मजदूरी मिल जाती है और परिवार का पेट भर जाता है, वही दिन उनके लिये नया साल है. न इनके पास घर-आलय हैं और न ही शौचालय. बच्चों को पढ़ाना तो चाहते हैं पर महंगाई इतनी कि कैसे भेजें विद्यालय. इनकी पहली जनवरी तो ऐसे ही बीत जाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें