उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से देश की जनता जानना चाहती है कि नोट बंदी के बाद कितने का कालेधन आया और कब गरीबों के खाते में 15 – 15 लाख रुपया आयेगा. सौ से अधिक लोगों की नोटबंदी के कारण मौत हो गयी. देश में मात्र 53 प्रतिशत लोगों के पास बैंक खाता है. इनमें से 40 प्रतिशत निष्क्रिय है. अभी तक गांवों तक इंटरनेट नहीं पहुंचा और कई गांव बिजली से महरुम हैं. 35 प्रतिशत आबादी अशिक्षित है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा कैशलेस भारत की बात करना बेमानी है.
2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी को इस निर्णय का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. महाधरना की अध्यक्षता राजद जिलाध्यक्ष डॉ तिरुपति नाथ यादव ने की जबकि संचालन मो उस्मान ने किया. चार सूत्री मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया. इस अवसर पर राजद नेता अमर कुमार साहा, युवा राजद के जिलाध्यक्ष मो चांद, रामावतार, प्रेम कुमार झा, जितेंद्र यादव, योगेश यादव, शिशिर कुमार सिंह, भैरव ठाकुर आदि उपस्थित थे.