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मिट्टी किसानों की आत्मा, इसकी करें सुरक्षा : आयुक्त

किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देते प्रमंडलीय आयुक्त. सबौर : कृषि जीवन जीने के लिए नहीं व्यवसाय की नजर से करने की जरूरत है. प्रकृति द्वारा नि:शुल्क मिली अनमोल धरती को स्वस्थ करना हमारा दायित्व है. इसकी जांच समय की मांग बन गयी है. स्वस्थ धरती पर मनोयोग से किसानी भागलपुर व बिहार ही नहीं […]

किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देते प्रमंडलीय आयुक्त.

सबौर : कृषि जीवन जीने के लिए नहीं व्यवसाय की नजर से करने की जरूरत है. प्रकृति द्वारा नि:शुल्क मिली अनमोल धरती को स्वस्थ करना हमारा दायित्व है. इसकी जांच समय की मांग बन गयी है. स्वस्थ धरती पर मनोयोग से किसानी भागलपुर व बिहार ही नहीं देश की तकदीर बदल सकती है. उक्त बातें भागलपुर प्रमंडल के आयुक्त अजय कुमार चौधरी ने सोमवार को विश्व मृदा दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि महाविद्यालय द्वारा अयोजित कार्यक्रम में कही.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के मिटटी जांच परिसर में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि आयुक्त ने मिट्टी जांच पर अपने अनुभव किसानों को बताये. उन्होंने किसानों को किसानी के प्रति जागरूक करने का भी प्रयास किया. उन्होंने कहा कि मैं कृषि का विशेषज्ञ नहीं हुं. इन्हीं वैज्ञानिकों से ज्ञान अर्जित करता हूं और अपने विचारों का समावेश कर पुन: इन्हीं के बीच ज्ञान बांटता भी हूं.
कार्यक्रम में कुलपति डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि मिट्टी की रक्षा सुरक्षा व स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी हमारी है. मिट्टी किसानी की आत्मा है आत्मा के बगैर शरीर चल नहीं सकता है. प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर के सोहाने ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, कम होती किसानी के लिए जमीन, और बढ़ती खाद्यान्न की आवश्यकता के कारण अब मिटटी जांच और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गयी है. कार्यक्रम के तहत किसानों के बीच मृदा कार्ड का वितरणच और बुकलेट का विमोचन किया गया. मंचासीन शोध निदेशक डॉ जेबी तोमर, कृषि अधिष्ठाता डॉ अरुण कुमार, मृदा विज्ञान के अध्यक्ष डॉ एन चटोपाध्याय आदि थे. वहीं इसे सफल करने में केवीके समन्वयक डॉ विनोद कुमार, गृहवैज्ञानिक अनिता कुमारी, इं. पंकज , डॉ फिजाअहमद, आदि ने योगदान किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ अंशुमान कोहली ने किया. वहीं बाहर से राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वरीय वैज्ञानिक डॉ आर सी यादव एवं बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के डॉ आरबी साहा कार्यक्रम के गवाह बने.
बीएयू के कार्यक्रम की विश्व स्तर पर सराहना : विश्व में मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया गया. इसका मुख्य कार्यालय फूड एंड एग्रिकल्चर ऑरगेनाइजेशन(एफएओ) रोम है. बीएयू में चल रहे कार्यक्रम के दौरान ही रोम से सीधा मैसेज आया कि प्रोग्राम को अपलोड कर तुरत भेजा जाय. मृदा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ एन चटोपाध्याय ने मंच से ही आयुक्त के सामने इस बात की जानकारी दी. बीएयू के वीसी सहित सभी के चेहरे खिल उठे. बीएयू के प्रोग्राम के कार्यक्रम की जानकारी की मांग विश्व के सबसे प्रमुख एफएओ ने सीधे मांगी थी. सोमवार को चल रहे मृदा दिवस के कार्यक्रम को विश्व के पटल पर दिखाया जा रहा है. इससे बीएयू की ही नहीं राज्य और देश गौरवान्वित हो रहा है. विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा विश्व के मानचित्र पर बन रही है. बीएयू के कई कार्यक्रम की विश्व में सरहना हुई है. जैसे किसान चौपाल, वीडीओ कांफ्रेंसिंग से सभी केवीके से सीधा किसानों को जोड़ने सहित अन्य कार्यक्रम हैं. आइटी क्षेत्र में विकास के साथ साथ केवीके में भी तकनीकी विकास हो चुका है.

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