पूर्णिया मेडिकल काॅलेज निर्माण के नक्शे को प्राचार्य ने दी मंजूरी
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भागलपुर को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
पूर्णिया मेडिकल काॅलेज निर्माण के नक्शे को प्राचार्य ने दी मंजूरी भागलपुर : पूर्णिया में लंबे समय से 300 बेड का मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बनाये जाने की उम्मीदों को एक और पंख लग गया. दूसरी ओर मायागंज हॉस्पिटल में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया. पूर्णिया मेडिकल कॉलेज के नक्शे […]
भागलपुर : पूर्णिया में लंबे समय से 300 बेड का मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बनाये जाने की उम्मीदों को एक और पंख लग गया. दूसरी ओर मायागंज हॉस्पिटल में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया. पूर्णिया मेडिकल कॉलेज के नक्शे को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने मंजूरी दे दी तो भागलपुर में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाये जाने के लिए शासन ने 80 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी.
अब राशि का इंतजार
पूर्णिया मेडिकल कॉलेज का नक्शा बनानेवाली लखनऊ की कंसल्टेंट कंपनी मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज स्थित प्राचार्य कार्यालय में नक्शा लेकर पहुंची. नक्शे को देखने-जांचने के बाद जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो (डॉ) अर्जुन कुमार सिंह ने नक्शे को मंजूरी दे दी. अब कंसल्टेंसी एजेंसी इस नक्शे को स्वास्थ्य विभाग के सचिव के पास जमा कर देगी. पूर्णिया मेडिकल कॉलेज के लिए प्राचार्य भवन, ब्वायज एंड गर्ल्स हॉस्टल, माइक्रोबायोलॉजी,
एनाटाॅमी, फार्माकोलॉजी, फिजियोलॉजी समेत विभिन्न नॉन क्लिनिकल डिपार्टमेंट, एमबीबीएस क्लास के लिए क्लास रुम, प्रयोगशाला आदि का निर्माण होगा, इसके लिए राशि स्वीकृत की जायेगी. इसके बाद बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड पटना इन भवनाें को बनाने लिए टेंडर जारी करेगा. ये सब प्रक्रिया पूरी होने एवं निर्माण कार्य शुरू होने में तीन माह का वक्त लगेगा.
मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल के लिए मिले 80 करोड़ रुपये : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पास मायागंज के अलावा 200 करोड़ रुपये की लागत से एक मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनेगा. अत्याधुनिक सुविधाओं एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों से लैस इस हास्पिटल में उन बीमारियों के इलाज से लेकर आॅपरेशन तक किया जायेगा, जिसके लिए यहां के मरीज पटना, कोलकाता या सिलिगुड़ी जाते हैं. इस हॉस्पिटल के लिए शासन स्तर से 80 करोड़ रुपये जारी हो चुका है. सीपीडब्ल्यूडी की देखरेख में इस हॉस्पिटल का निर्माण होगा.
हॉस्पिटल के भवन आदि का निर्माण कार्य शुरू होने में अभी दो माह का वक्त लगेगा. इस हॉस्पिटल में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ट्रॉमा सेंटर, न्यूरोलॉजी विभाग, न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी विभाग, कैथ लैब, कार्डियो थोरेसिस सर्जरी व यूरोलॉजी विभाग होगा. यहां पर इलाज से लेकर आॅपरेशन तक सभी सुविधाएं मौजूद होंगी. इसके अलावा हॉस्पिटल में समृद्ध पैथोलॉजी होगी जहां पर हृदय रोगियों के लिए कार्डियक मानीटर, खून में ऑक्सीजन जांचने के लिए आर्टिलरी ब्लड गैस मशीन, एमआरआइ मशीन, डायलसिस मशीन, वेंटीलेटर मशीन होगी तो दिल, दिमाग व मूत्र से जुड़ी हर जांच की सुविधा उपलब्ध रहेगी. हॉस्पिटल में डीएम न्यूरोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट एवं यूरोलॉजिस्ट की नियुक्ति राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा की जायेगी. इस हास्पिटल के निर्माण में लगने वाले धन में से 80 प्रतिशत केंद्र एवं 20 प्रतिशत राज्य सरकार का योगदान रहेगा.
मल्टी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने के लिए जमीन का चयन अंतिम रूप से तो नहीं किया गया है. लेकिन पूरी संभावना है कि वन विभाग की नर्सरी वाले मेडिकल कॉलेज की जमीन पर मल्टी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण होगा. हॉस्पिटल के लिए 80 करोड़ रुपये की राशि दी गयी है.
प्रो (डॉ) अर्जुन कुमार सिंह, प्राचार्य, जेएलएनएमसीएच
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