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छुट्टे मांग रहे दुकानदार, कैसे करें खरीदारी

घोघा : हजार व पांच सौ के नोट बंद होने के बाद जारी किये गये दो हजार रुपये के नोट से लोगों की परेशानी दूर नहीं हो रही है. लोग दो हजार के नोट लेकर बाजार जाते हैं, तो दुकानदार छुट्टे की समस्या बता कर नोट लेने से इनकार कर देते हैं. हालत यह है […]

घोघा : हजार व पांच सौ के नोट बंद होने के बाद जारी किये गये दो हजार रुपये के नोट से लोगों की परेशानी दूर नहीं हो रही है. लोग दो हजार के नोट लेकर बाजार जाते हैं, तो दुकानदार छुट्टे की समस्या बता कर नोट लेने से इनकार कर देते हैं. हालत यह है कि पास में पैसे रहते हुए भी लोग जरूरी सामान नहीं खरीद पा रहे. सबसे अधिक परेशानी किसानों को हाे रही है. किसान योगेंद्र मंडल, रामप्रसाद मंडल, विजय मंडल आदि ने कहा कि मक्का बुअाई का समय निकला जा रहा है. नये नोट के लिए प्रति दिन बैंक में लाइन में लग रहे हैं, लेकिन निकासी नहीं हो पा रही है. खाद-बीज विक्रेता उधार नहीं दे रहे.

ईंट भट्ठा का व्यवसाय प्रभावित, घोघा बाजार व हाट में उदासी : घोघा में लगभग 65 ईंट के भट्ठे हैं. इनमें काम करने वाले स्थानीय व बाहरी मजदुरों की संख्या लगभग 20 हजार है. इन मजदूरों के कारण घोघा बाजार व हाट गुलजार रहते थे. हर साल नवंबर से मार्च तक ये मजदूर यहां काम करते हैं. इनके रहते बाजार में तेजी रहती है. नोटबंदी के कारण अब तक ईंट भट्ठों में समुचित संख्या में मजदूरों का आगमन नहीं हुआ है. इससे ईंट का व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है. साथ ही घोघा बाजार में भी मंदी छायी है.
रविवार की भी रौनक गायब : रविवार को घोघा गोलसड़क पर लगने वाली हाट में इस बार अपेक्षाकृत काफी कम भीड़ रही. कारण छोटे नोटों की किल्लत ही है. मिठाई विक्रेता संजय बिहारी साह ने बताया कि ज्यादातर सामान तो हमलोगों ने उधार ही दे दिये. कई अपरिचितों को भी उधार दे दिया. हमलोग भी महाजन से साख पर सामान ले कर काम चला रहे हैं. किराना दुकानदार मुकेश साह कहते हैं हम अपने नियमित ग्राहकों को उधार ही सामान दे रहे हैं. क्योंकि उनके पास या तो पुराने हजार व पांच सौ के नोट हैं या नये दो हजार के.

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