नवगछिया : बैंकों में जमा हो रहे हजार व पांच सौ के हर नोट की निगरानी हो रही है. आप भले ही डिपॉज़िट स्लिप भरकर बैंकों में ऑफलाइन पैसा जमा कर रहे हैं, लेकिन बैंक हर डिपॉज़िट का ऑनलाइन डाटाबेस तैयार कर रहा है. बैंकों में जमा होने वाले हर डिपॉज़िट स्लिप को कंप्यूटर में फीड किया जा रहा है. बैंकों में फीड हो रहे डाटा में पैसे जमा करने वाले व्यक्ति के नाम, खाता संख्या, पहचान पत्र विवरण, जमा किये गये नोटों का डिटेल भरा जा रहा है.
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नोट जमा करनेवालों पर कड़ी नजर
नवगछिया : बैंकों में जमा हो रहे हजार व पांच सौ के हर नोट की निगरानी हो रही है. आप भले ही डिपॉज़िट स्लिप भरकर बैंकों में ऑफलाइन पैसा जमा कर रहे हैं, लेकिन बैंक हर डिपॉज़िट का ऑनलाइन डाटाबेस तैयार कर रहा है. बैंकों में जमा होने वाले हर डिपॉज़िट स्लिप को कंप्यूटर में […]
जानकारी जुटा रहे बैंक : बैंक और संबंधित विभाग यह जानकारी जुटा रहे हैं कि एक व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्यों के खाते में कितनी बार हजार व पांच सौ के नोट जमा हुए हैं. एक या दो से अधिक बार हजार व पांच सौ के नोट जमा करने पर उनसे जवाब तलब भी किया जा सकता है.
जानकारों का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति के पास या उसके परिवार के सदस्यों के पास हजार और पांच सौ के नोट थे या हैं, तो कायदे से एक या दो बार में उन नोटों को जमा हो जाना चाहिए था. बार-बार नोट जमा होने का मतलब है या तो नोटों को खपाने का खेल चल रहा है या अभी भी ऐसे लोग लेन-देन कर रहे हैं.
सॉफ्टवेयर में फीड हो रहा डाटा : जानकारी के अनुसार आरबीआइ के निर्देश पर बैंकों के मुख्यालयों द्वारा सभी शाखाओं में इस आशय का निर्देश भेज दिया गया है. जमा होने वाले नोटों और जमाकर्ताओं से संबधित डाटा बैंकों के पास उपलब्ध सॉफ्टवेयर में फीड होने भी लगा है. संदिग्ध लेन-देन की पड़ताल भी होगी. आवश्यकता पड़ने पर बैंकों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जायेंगे.
गैर कानूनी है लेनदेन : सरकार ने कुछ सरकारी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर आठ नवंबर की आधी रात से ही हजार व पांच सौ के नोटों के लेन देन पर रोक लगा दी थी. प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में स्पष्ट कर दिया था कि आधी रात से हजार व पांच सौ के नोट लीगल टेंडर नहीं होंगे. यानी लेनदेन अमान्य है. साथ ही लोगों को दूसरों के नोट बदलने या दूसरों के नोट जमा नहीं करने को लेकर भी आगाह किया गया था. आरबीआइ, बैंकों तथा एजेंसियों को शक है कि अभी भी लेनदेन जारी है या लोग दूसरों के नोट बदलने और जमा करने में लगे हैं.
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