नवगछिया : भवानीपुर काली मंदिर का इतिहास करीब 200 साल पुराना है. यहां मां दक्षिणेश्वरी काली विराजमान हैं. लोगों का विश्वास है कि यहां सच्चे मन से आने वालों की मन्नत मां जरूर पूरी करती हैं. ग्रामीणों के अनुसार यहां की मां काली आपरूपी है. मंदिर के संस्थापक रामजी पोद्दार बताते हैं वर्षों पूर्व सोनेरहिया बहियार में पोद्दार समाज के बच्चे बकरी चरा रहे थे.
उसी दौरान बच्चों ने मिट्टी से माता की मिट्टी से प्रतिमा बनायी और कुश लेकर पाठा की बलि देने लगे तो बलि हो गयी. यह देख बच्चे घबरा कर भाग गये. बच्चों के परिजनों को रात में मां काली ने स्वप्न में कहा मुझे बुलाया है तो पूजा भी करो. सुबह पोद्दार समाज के लोगों ने मां काली की पूजा-अर्चना शुरू की. करीब दस वर्ष तक अपने घरों में माता की पूजा अर्चना करते रहे. इसके बाद भवानीपुर में ग्रामीणों के सहयोग से मां काली मंदिर का निर्माण कराया गया. यहां बलि की प्रथा है.