मधेपुरा जिले के कोपड़िया निवासी सत्तन सिंह(50 वर्ष) ने बताया कि सीने में दर्द, बेचैनी होने पर परिजनों ने 30 सितंबर को एक निजी डॉक्टर को दिखाया. वहां पैथोलॉजी रिपोर्ट एवं एक्सरे में उसके सीने में पानी भरा पाया गया. सीने में पानी को निकाला गया तो उसे राहत मिली और इसके साथ दवा भी चली. इसी दौरान सत्तन के समक्ष पैसे की तंगी आ गयी. इस कारण परिजनों ने उसे 13 अक्तूबर को मायागंज हॉस्पिटल के इमरजेंसी में भरती कराया.
वहां दवा-सूई देने के बाद चिकित्सकों ने उसे घर भेज दिया और अगले दिन आने को कहा. 14 को सत्तन को पुन: इमरजेंसी के मेडिसिन वार्ड में भरती कराया गया जहां 15 अक्टूबर को डॉ एमएन झा की यूनिट में सत्तन को मेडिसिन विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया. परिजनों की मानें तो विभाग के बेड नंबर 60 पर भरती सत्तन की आज तक इस बीमारी के बाबत चिकित्सकों ने कोई जांच ही करायी और न ही बाहर की रिपोर्ट के आधार पर इलाज ही शुरू किया. परिजनाें ने सोमवार को हॉस्पिटल व वार्ड के स्वास्थ्य प्रबंधक से शिकायत की. वहां शिकायत नहीं सुने जाने पर परिजनाें ने डाक के जरिये शिकायत पत्र हॉस्पिटल के अधीक्षक को भेज दिया. इस बाबत प्रभारी अधीक्षक डॉ अशोक भगत ने बताया कि शिकायत मिलने पर मामले की जांच करायी जायेगी और संबंधित पर कार्रवाई की जायेगी.