भागलपुर: जय किशन शर्मा हत्याकांड में शार्प शूटर इमरान की संलिप्तता का पुलिस पता लगा रही है. पुलिस का दावा है कि जय किशन शर्मा की हत्या और सेंट टेरेसा के पास फायरिंग और लूटपाट की घटना का मोडस अपरेंडी एक जैसा है. जय किशन को भी एक गोली मारी गयी थी और लूटपाट के शिकार रवि यादव को भी एक गोली मारी गयी है.
अपराधियों ने पहले रवि को गोली मारी और फिर जख्मी रवि से पैसे मांग कर लूटे. रवि ने एक जेब से एक लाख रुपये निकाल कर अपराधियों को दे दिया. जबकि रवि की दूसरी जेब और मोटरसाइकिल में पीछे बैठे चाचा जनार्दन यादव के पास कुल 1.5 लाख रुपये बच गये. अगर अपराधियों की मंशा लूटपाट करने की होती तो अपराधी आधे पैसे लूट कर क्यों भाग जाते. वैसे पुलिस भी जय किशन शर्मा हत्याकांड में लूट बिंदु पर जांच कर रही है.
गायब टिफिन लूट का पहला आधार. हालांकि इस बारे में पुलिस फिलहाल अभी कुछ बोल नहीं रही है. लेकिन जय किशन शर्मा का गायब टिफिन पुलिस की जांच का आरंभिक आधार है, जो लूट कांड की ओर इस घटना की इशारा कर रही है. घटना के बाद जय किशन का टिफिन गायब है. पुलिस तो यह भी कह रही है कि घटना के बाद मोटरसाइकिल से भागे तीन संदिग्धों के पास हाथ में कुछ था. पुलिस का इशारा टिफिन की ओर है. हालांकि सीसीटीवी फुटेज में भागते हुए तीन अपराधियों की तसवीर काफी अस्पष्ट है.
हत्या का इरादा होता तो एक गोली क्यों मारी. पुलिस का कहना है कि अगर अपराधियों की मंशा जय किशन शर्मा के हत्या करने की होती तो उन्हें शूटर एक गोली क्यों मारते? एक गोली मारने के बाद जय किशन की मौत नहीं हुई थी. क्या अपराधी इतने कच्चे थे कि जय किशन को जिंदा छोड़ने के लिए एक गोली मारते. गोली से जख्मी होने के बाद जय किशन काफी देर तक जीवित थे और परिजनों से बात भी कर रहे थे.
जमीन और पंप विवाद में कुछ नहीं निकला. पुलिस ने पहले जमीन विवाद और पेट्रोल पंप से जुड़े हरेक पहलुओं की जांच की. जमीन विवाद को तो जय किशन के परिजनों ने सिरे से खारिज कर दिया. क्योंकि जिस जमीन के विवाद से जय किशन की हत्या को जोड़ा जा रहा है, वह जमीन जय किशन के नाम से नहीं है, बल्कि जय किशन की बहू (पुत्र सूरज की पत्नी) के नाम से वह जमीन है. ऐसे में जमीन विवाद के लिए अगर हत्या होती तो अपराधी जय किशन के पुत्र या उनकी पत्नी को मारते, न कि जय किशन को.
सुपारी किलर इमरान. इमरान सुपारी किलर है. वह पैसे लेकर लोगों की हत्या करता है. पूर्व में उस पर फल व्यवसायी विश्वनाथ गुप्ता की सुपारी लेकर हत्या करने का आरोप लग चुका है. लूट में अब तक इमरान का नाम नहीं आया है. पुलिस सीसीटीवी फुटेज से इमरान के चेहरा और चाल-ढाल का मिलान कर रही है.
परिजनों ने कहा, लूट का कोई आधार नहीं. जय किशन के पुत्र दीपक शर्मा ने कहा कि उनके पिता की हत्या योजनाबद्ध तरीके से की गयी है. लूट का कोई मामला नहीं है. लूट के मामले में इतनी रेकी कर किसी को नहीं मारा जा सकता है. उस पर से मेरे पिता के पास कोई ऐसी रकम भी नहीं थी, जिसे लूटने के लिए अपराधी उनकी हत्या करते. यह मामला पेट्रोल पंप से जुड़ा हुआ है. पुलिस पेट्रोल पंप के मालिक से पूछताछ करे. अगर मामला लूट का होता तो गोली लगने के बाद पापा कुछ तो कहते कि उनसे पैसा छीन लिया गया है. लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा. लूट होता है अपराधियों से उनकी झीना-झपटी तो होती. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.