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भू-माफियाओं व सीओ की मिलीभगत से कटी रसीद

टीएमबीयू की जमीन की रसीद दूसरे के नाम कटने पर प्रोक्टर ने लगाया आरोप जमीन से जुड़े कागजात के लिए दोबारा पत्र लिखा जायेगा अंचल कार्यालय नाथनगर को भू-अर्जन विभाग से विवि को मिली है जमीन भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विवि की 22 बीघा का रसीद भू-माफियाओं व अंचल अधिकारी नाथनगर के मिली भगत का […]

टीएमबीयू की जमीन की रसीद दूसरे के नाम कटने पर प्रोक्टर ने लगाया आरोप

जमीन से जुड़े कागजात के लिए दोबारा पत्र लिखा जायेगा अंचल कार्यालय नाथनगर को
भू-अर्जन विभाग से विवि को मिली है जमीन
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विवि की 22 बीघा का रसीद भू-माफियाओं व अंचल अधिकारी नाथनगर के मिली भगत का आरोप विवि के अधिकारी प्रोक्टर ने लगाया है. उन्होंने कहा कि विवि को भरोसे में रख कर इस काम को अंजाम दिया गया है. लिहाजा भू-माफियाओं ने विवि की जमीन की रसीद अपने नाम से कटा ली है. इस बात का सबूत है कि पांच दिन पहले अंचल अधिकारी ने विवि में आकर सुनिश्चित किया था कि एक से दो दिनों के अंदर विवि से जुड़ी तमाम जमीन के कागजात व रसीद उपलब्ध करा देंगे. रसीद किसने किस आधार पर कटाई है, जो भी लोग इस मामले में दोषी होंगे, उनपर कार्रवाई की जायेगी. लेकिन उनका बयान लगातार बदलता जा रहा है. अब कह रहे हैं कि अपने वरीय अधिकारी को कागज सौपेंगे.
विवि के प्रोक्टर डॉ विलक्षण रविदास ने बताया कि विवि को भू-अर्जन विभाग से जमीन दी गयी है. सरकार ने जमीन डोनर को मुआवजा देकर हासिल किया है. वर्ष 1960 से विवि को सरकार से जमीन मिली है. एक साजिश के तहत विवि की जमीन को कब्जा करने की प्लानिंग की जा रही है. अंचल अधिकारी को दोबारा पत्र पत्र भेज कर जमीन के कागजात, रसीद और किस आधार पर जमीन की रसीद कटायी गयी है. इसकी सूचना फिर से मांगी जायेगी.
पूर्व प्रोक्टर ने कहा, भू-माफियाओं ने दिया था जान से मारने की धमकी
तिलकामांझी भागलपुर विवि के पूर्व प्रोक्टर डॉ गुरुदेव पोद्दार ने कहा कि विवि की जमीन पर कब्जा नहीं कर पाने पर भू-माफियाओं ने जान से मारने की धमकी दी थी. वर्ष 1996 में प्रोक्टर पद पर कार्यरत थे. उस दौरान भी भू-माफियाओं ने विवि की जमीन पर कब्जा करने के लिए पहले पैसे का प्रलोभन दिया. जब इस ऑफर को ठुकरा दिया, तो उनलोगों ने जान से मारने तक की धमकी दी थी. इसकी रिपोर्ट विवि प्रशासन को दी थी. विवि प्रशासन की ओर से बाॅडीगार्ड देने की व्यवस्था भी की गयी थी.
लेकिन उन्होंने बॉडीगार्ड लेने से इनकार कर दिया था और भू-माफियाओं से खुद निबटने की बात कही थी. उन्होंने बताया कि उस दौरान भी विवि के एक अधिकारी का दबाव उन पर था कि भू-माफियाओं की बात को मान लें. इस बार भी विवि के लोगों की मदद से ही भू-माफिया सक्रिय हो गया है. विवि प्रशासन मामले की जांच विवि स्तर पर कराये, तो विवि के जो भी लोग इस खेल में शामिल हैं, उनका नाम सामने आयेगा. विवि की जमीन है, और हमेशा विवि की ही जमीन रहेगी.

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