उसमें हेल्प लिखा सिम्बॉल होगा जिसे टच करते ही पुलिस कंट्रोल रूम में रिंग हो जायेगा. कंट्रोल रूम में बैठा पुलिसकर्मी उस व्यक्ति के मोबाइल लोकेशन से उसका पता कर लेगा और उस समय उस व्यक्ति के सबसे नजदीक पुलिस गश्ती दल को तुरंत वहां पहुंचने का निर्देश देगा. उस तुरंत गश्ती दल पहुंच जायेगा और परेशानी में घिरे व्यक्ति को पुलिस की सहायता मिल जायेगी.
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स्मार्ट सिटी में स्मार्ट पुलिसिंग की मिलेगी सुविधा
भागलपुर : आने वाले समय में स्मार्ट सिटी में लोगों स्मार्ट पुलिसिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. स्मार्ट पुलिसिंग को जानने, उसकी कार्यशैली का नजदीकी अध्ययन करने के लिए भागलपुर पुलिस की टीम मुंबई, बेंगलुरू और हैदराबाद जायेगी. एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि बहुत जल्दी इन तीनों शहरों […]
भागलपुर : आने वाले समय में स्मार्ट सिटी में लोगों स्मार्ट पुलिसिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. स्मार्ट पुलिसिंग को जानने, उसकी कार्यशैली का नजदीकी अध्ययन करने के लिए भागलपुर पुलिस की टीम मुंबई, बेंगलुरू और हैदराबाद जायेगी. एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि बहुत जल्दी इन तीनों शहरों के लिए पुलिस की टीम की घोषणा की जायेगी और उन्हें वहां भेजा जायेगा. स्मार्ट सिटी में लोगों को बड़े शहरों की तरह ही पुलिसिंग की सुविधा मिलेगी. इन शहरों से लौटने वाली भागलपुर पुलिस की टीम एसएसपी को रिपोर्ट सौंपेगी जिसमें यहां के लिए स्मार्ट पुलिसिंग को लेकर महत्वपूर्ण बातें होंगी.
बनेगा कंट्रोल रूम, ट्रैफिक थाने में मैन पावर बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव : स्मार्ट सिटी में पुलिसिंग की नयी व्यवस्था के तहत पुलिस कंट्रोल रूम बनाया जायेगा. कंट्रोल रूम ट्रैफिक थाने में ही बनाया जायेगा. ट्रैफिक थाने की नयी बिल्डिंग और उसमें मैन पावर को बढ़ाने को लेकर भी नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जो एसएसपी के द्वारा प्रमंडलीय आयुक्त को सौंपा जायेगा और वहां से उस प्रस्ताव को सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. खास बात यह है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार को लेकर ट्रैफिक डीएसपी का पद भी सृजित करने का प्रस्ताव है. ट्रैफिक थाना में मैन पावर बढ़ाने को लेकर पहले भी पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है.
मुंबई की तरह यहां भी तैयार होगा सॉफ्टवेयर : स्मार्ट सिटी में लोगों को मिलने वाली स्मार्ट पुलिसिंग की सुविधा में सबसे अहम होगा वह सॉफ्टवेयर जो फिलहाल मुंबई पुलिस द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा. शहर में लगे सीसीटीवी को पुलिस कंट्रोल रूम से वाइ-फाइ के जरिये कनेक्ट कर दिया जायेगा. थानों के गश्ती वाहनों में जीपीएस लगा होगा जिससे उनका पक्का लोकेशन कंट्रोल रूम को पता होगा. पुलिस द्वारा तैयार किये जानेवाले सॉफ्टवेयर के जरिये एक एप तैयार किया जायेगा जो एफआइआर (फर्स्ट इमीडिएट रिस्पांस) कहलायेगा. इस एप को लोग अपने मोबाइल में डाउनलोड कर लेंगे. शहर में कहीं किसी महिला या युवती को सुरक्षा पर खतरा महसूस होने या कहीं कुछ गड़बड़ी दिखने पर वह अपने मोबाइल में डाउनलोड उस एप को ओपेन करेंगे.
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