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फागिंग-छिड़काव का पता नहीं
भागलपुर : शहर क्षेत्र के नालियों, काॅलाेनियाें, पानी की टंकी व कूलरों में डेंगू के लार्वा पनप रहे हैं. डेढ़ माह के अंतराल में 33 मरीज सिर्फ शहरी क्षेत्र में मिले हैं. सदर अस्पताल की नर्स से लेकर एएनएम स्कूल की नर्सिंग छात्रा तक डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. बावजूद शहर में न […]
भागलपुर : शहर क्षेत्र के नालियों, काॅलाेनियाें, पानी की टंकी व कूलरों में डेंगू के लार्वा पनप रहे हैं. डेढ़ माह के अंतराल में 33 मरीज सिर्फ शहरी क्षेत्र में मिले हैं. सदर अस्पताल की नर्स से लेकर एएनएम स्कूल की नर्सिंग छात्रा तक डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. बावजूद शहर में न तो कहीं फागिंग हो रहा है और न ही छिड़काव का कहीं पता चल रहा है. शहर के मुख्य मार्ग से लेकर वार्ड के गली-मोहल्ले तक में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. इसके बावजूद नगर निगम सचेत नहीं है.
मंत्री- उच्च अधिकारी के आने पर ही होता है छिड़काव : मंत्री व उच्चाधिकारी के आने पर ब्लीचिंग और फॉगिंग करायी जाती है, लेकिन सामान्य दिनों में ब्लीचिंग छिड़काव और फॉगिंग पर ध्यान नहीं दिया जाता है. कई वार्ड में तो आठ साल बीत जाने के बाद भी फॉगिंग का छिड़काव नहीं होता है.
वार्डों में फॉगिंग के लिए नगर निगम की ओर से आठ साल पहले एक बड़ी और चार छोटी मशीन की खरीद की गयी थी. फिलहाल बड़ी फॉगिंग मशीन से शहर के मुख्य मार्ग में फॉगिंग करायी जाती है, लेकिन वार्ड में नहीं करायी जाती. लगभग 15 लाख की राशि से इस मशीन की खरीद की गयी इसके बावजूद इसका सही तरीके से व्यवहार नहीं किया जा रहा है. छोटी चार मशीनों में तीन खराब पड़ी है.
लगातार बढ़ रहे मरीज : सदर अस्पताल की ओपीडी, ड्रग इंस्पेक्टर कार्यालय, एएनएम स्कूल के समीप पानी का जमाव है, जिसमें डेंगू के लार्वा पनप रहे हैं. आठ अगस्त से लेकर अब तक मायागंज हॉस्पिटल के डेंगू वार्ड में 137 मरीज भरती हो चुके हैं. इसमें से 33 मरीज भागलपुर शहरी क्षेत्र के हैं. इन मरीजों में सर्वाधिक मरीज हबीबपुर, तिलकामांझी क्षेत्र से 13, बूढ़ानाथ मंदिर आदमपुर से चार, अलीगंज से दो, कोतवाली से एक, सदर अस्पताल परिसर में आधा दर्जन लोग डेंगू के शिकार हुए हैं.
मायागंज हॉस्पिटल में शुक्रवार को डेंगू के 18 मरीज भरती थे. जिसमें से 15 मरीज डेंगू वार्ड व 13 मरीज ट्रामा वार्ड के उपर बने नये डेंगू वार्ड में भरती थे. शुक्रवार को तीन बजे तक पांच डेंगू के मरीज क्रमश: रजौन बांका के शशिकांत भारती(33 वर्ष), महेश खूंट भागलपुर के इंद्रदेव मंडल(44 वर्ष), अमौर पूर्णिया के मो मिनतुल्ला (24 वर्ष), पीरपैंती भागलपुर के अमन कुमार(17 वर्ष) व तिलकामांझी की कंचन देवी को भरती कराया गया. अव्यवस्था का आलम यह है कि जमीन पर मरीजों को सुलाकर इलाज किया जा रहा है. एक चिकित्सक के भरोसे रात में डेंगू के ढाई दर्जन मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी डाली गयी है.
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