बिहपुर थाने में दर्ज हैं हत्या के चार मामले
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23 वर्ष पूर्व एक हत्या के मामले में पवन पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
बिहपुर थाने में दर्ज हैं हत्या के चार मामले अपराधियों की नहीं हो पायी है गिरफ्तारी बिहपुर : हरियौ पंचायत के उपमुखिया मुन्नी देवी के पति पवन पासवान की हत्या में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने में पुलिस विफल रही है. पुलिस संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. बिहपुर थाना में दर्ज है आठ […]
अपराधियों की नहीं हो पायी है गिरफ्तारी
बिहपुर : हरियौ पंचायत के उपमुखिया मुन्नी देवी के पति पवन पासवान की हत्या में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने में पुलिस विफल रही है. पुलिस संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
बिहपुर थाना में दर्ज है आठ मामले : जानकारी के अनुसार पवन कई मामलों में नामजद रहा है. सिर्फ बिहपुर थाना में पवन पर हत्या के चार, आर्म्स एक्ट के दो, अपहरण व डकैती के एक-एक मामले दर्ज हैं. पवन पर हत्या का पहला आरोप 23 वर्ष पूर्व लगा था. पिछले वर्ष 27 जनवरी को पूर्व जिप सदस्य अन्नपूर्णा सिंह के चचिया ससुर विवेकानंद सिंह की हत्या के भी पवन आरोपित था.
सुरेंद्र हत्याकांड में भी आया नाम :
13 जून को खगड़िया जिले के मोरकाही थाना क्षेत्र में हरियो के पूर्व मुखिया लेंगड़ा उर्फ सुरेंद्र सिंह की हत्या हुई थी. इस मामले में नौ अज्ञात को आरोपित बनाया गया था. पूर्व मुखिया लेंगड़ा हत्याकांड के अनुसंधान के दौरान पुलिस को पवन पासवान की संलिप्तता के साक्ष्य मिले थे, जिसके आधार पर मोरकाही, खगड़िया थाना में कांड संख्या 60/16 को पवन को हत्याकांड में आरोपित बनाया गया. इधर, सोमवार की शाम से ही थानाध्यक्ष राजेश शरण के नेतृत्व पुलिस की छापेमारी अपराधियों के संदिग्ध ठिकानों पर जारी रही लेकिन पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पायी है.
समय के साथ बदलता रहा पाला
पवन का आपराधिक इतिहास रहा. कई मामले भी दर्ज हैं. वैसे, स्थानीय लोगाें का कहना है कि पवन अधिक समय तक किसी के साथ नहीं रहा. सुरेंद्र सिंह की हत्या के बाद सच्चिदानंद से भी उसकी अनबन चल रही थी. इसके पूर्व कभी पूर्व मुखिया सुरेंद्र का खासमखास माना जानेवाला पवन छोटी सी बात को लेकर ही सुरेंद्र से अलग हो गया था. वैसे, पंचायत चुनाव के बाद गांव में उसकी गतिविधि बढ़ गयी थी. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि चुनाव के बाद वह समाज की मुख्यधारा में जुड़ने की बात कहता था.
नहीं रुक रहा हरिऔ का खूनी खेल
आपराधिक घटनाओं को लेकर नवगछिया का इलाका हमेशा से चर्चा में रहा है. नवगछिया में हरिऔ गांव की खूनी लड़ाई अब तक नहीं रुक रही है. निरंजन सिंह की हत्या के बाद सुरेंद्र सिंह की हत्या हुई. पवन की हत्या के बाद लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अब अगला नंबर किसका होगा.
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