11 साल बाद जेल से रिहा हुए पूर्व सांसद शहाबुद्दीन, कहा
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लालू ही हमारे नेता, नीतीश परिस्थितियों के मुख्यमंत्री
11 साल बाद जेल से रिहा हुए पूर्व सांसद शहाबुद्दीन, कहा बजे सुबह पूर्व सांसद का रिलीज ऑर्डर जेल के अंदर ले जाया गया बजे रात को शहाबुद्दीन सीवान स्थित अपने गांव प्रतापपुर पहुंचे बजे वे जेल गेट से बाहर निकले भागलपुर : भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा से शनिवार की सुबह सात बज कर पांच […]
बजे सुबह पूर्व सांसद का रिलीज ऑर्डर जेल के अंदर ले जाया गया
बजे रात को शहाबुद्दीन सीवान स्थित अपने गांव प्रतापपुर पहुंचे
बजे वे जेल गेट से बाहर निकले
भागलपुर : भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा से शनिवार की सुबह सात बज कर पांच मिनट पर राजद के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन बाहर निकले. वे सफेद कुरता-पायजामा में थे. उनके बाहर निकलते ही समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा. धक्का-मुक्की भी हुई. जेल से बाहर निकलते ही उन्होंने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि लालू हमारे नेता, नीतीश परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं. उनसे जब पूछा गया कि महागंठबंधन की सरकार है, ऐसे में वे लालू और नीतीश में किसे अच्छा राजनीतिज्ञ
लालू हमारे नेता…
मानते हैं, तो उन्होंने बेबाक अंदाज में कहा कि वे किसके साथ थे, हैं और रहेंगे इसमें किसी तरह का किसी को कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे किसके निर्देश पर राजनीति में आये हैं, यह सभी को पता है. सुशील मोदी के शहाबुद्दीन पर भी सीसीए लगाने के बयान के बारे में जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सुशील मोदी और उनकी बातों को वे गंभीरता से नहीं लेते. जब मैं सुशील मोदी और उनकी बातों को गंभीरता से लेता ही नहीं, तो उनके बयान पर अपनी प्रतिक्रिया क्यों दें.
नीतीश के ही राज में जेल गये, उन्हीं के राज में निकले बाहर
जेल गेट के बाहर मो शहाबुद्दीन से पूछा गया कि नीतीश कुमार के शासनकाल में ही उन्हें जेल भेजा गया और उन्हीं के राज में वे जेल से बाहर आये हैं, इसमें उनको क्या लगता है. शहाबुद्दीन ने कहा कि जेल जाना और जेल से बाहर आने में किसी के राज का कोई संबंध नहीं है. यह न्यायिक प्रक्रिया है और उसी के तहत ऐसा हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि लालू प्रसाद भी तो अपने ही शासनकाल में जेल गये थे.
मैं बैकडोर पॉलिटक्सि नहीं करता : शहाबुद्दीन से यह भी पूछा गया कि लालू प्रसाद ने उनकी पत्नी को राज्यसभा सांसद नहीं बनवाया इस पर वे क्या कहना चाहते हैं. इस सवाल पर उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी इस तरह की इच्छा जाहिर नहीं की. उन्होंने कभी किसी से नहीं कहा कि उनकी पत्नी को सांसद बना दिया जाये. मो शहाबुद्दीन ने कहा कि उन्होंने कभी भी बैक डोर पॉलिटक्सि नहीं की.
26 सालों से लोगों ने मुझे स्वीकार किया है, 10 साल किसी से नहीं मिला
11 साल बाद जेल से बाहर आने पर शहाबुद्दीन से यह पूछा गया कि क्या वे अब अपनी छवि बदलने की कोशिश करेंगे. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वे जिस रूप में हैं उसी रूप में लोगों ने 26 साल तक उन्हें स्वीकार किया है. इसलिए अब छवि बदलने की बात कहां से आ गयी. पूर्व सांसद ने बाहर मौजूद पत्रकारों से ही पूछा क्या यह आश्चर्य की बात नहीं कि जेल में रहते हुए उन्होंने दस साल तक किसी से मुलाकात नहीं की. उन्होंने कहा कि दस साल तक सभी से दूर रहना आसान नहीं था पर उन्होंने ऐसा किया.
जेल में कैसे समय बीता, डायरी में लिखा हूं
जेल में लंबे समय तक बंद रहने के दौरान शहाबुद्दीन ने क्या किया, किस तरह अपना समय व्यतीत किया. इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने डायरी मेंटेन किया है. जेल में उन्होंने किस तरह समय व्यतीत किया यह जानने के लिए उन्होंने अपनी लिखी डायरी पढ़ने को कहा. उन्होंने कहा कि वे सफेद कुरता-पायजामा पहनेंगे या जिंस यह लोगों की पसंद पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि वह जिंस इसलिए पहनते हैं, क्योंकि सीवान की जनता ऐसा चाहती है.
चंदा बाबू को नहीं जानते : सीवान के व्यवसायी और अपने तीन जवान बेटों को गंवा चुके चंदा बाबू के बारे में उन्होंने कहा कि वे नहीं जानते यह व्यक्ति कौन है. उन्होंने कहा कि सीवान में 22 लाख लोग रहते हैं. ऐसे में कोई एक व्यक्ति क्या कहता और सोचता है इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. उनका कहना है कि लोगों का बहुमत जो कहे वही सही है.
राजदेव को क्या, सीवान के एक-एक बच्चे को जानता हूं : पत्रकार राजदेव की हत्या में नाम सामने आने के सवाल पर मो शहाबुद्दीन ने कहा कि उन्हें भी इसकी सूचना मीडिया से ही मिली. यह तो मीडिया ही बता सकता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह तो सीबीआइ को बताना है कि पत्रकार की हत्या किसने की.
राजदेव को जानने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सीवान का एक-एक बच्चा उन्हें जानता है और वे भी उस शहर के एक-एक व्यक्ति को जानते हैं. ऐसे में किसी को नहीं जानने का सवाल नहीं है.
सीवान पहुंचे शहाबुद्दीन : शनिवार की देर शाम लंबे काफिले के साथ मो. शहाबुद्दीन सीवान पहुंचे. इसके पूर्व जिले की सीमा में प्रवेश करने से लेकर उनके पैतृक गांव प्रतापपुर तक समर्थकों व महागंठबंधन के नेताओं ने जोरदार स्वागत किया. गोपालगंज जिले से सीवान की सीमा में प्रवेश करने पर बड़हरिया में उनका स्वागत हुआ. इसके बाद से सीवान पहुंचने तक रास्ते में कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने फूल-माला से अभिनंदन किया.
सुशील मोदी को गंभीरता से नहीं लेता
जेल से िनकलने के बाद मीिडया से बात करते मो शहाबुद्दीन. फोटो। आशुतोष
पार्टी का हर सदस्य अपने नेता के बारे में बोलेगा ही : लालू
पटना. राजद नेता मो शहाबुद्दीन के
बयान पर उठे विवाद के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि पार्टी का हर सदस्य अपने नेता के बारे में तो बोलेगा ही. मथुरा में पत्रकारों के घेरे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य में महागंठबंधन
पार्टी का हर सदस्य अपने…
की सरकार है. महागंठबंधन में तीन अलग-अलग पार्टियां हैं. तीनों पार्टियों के अलग-अलग नेता हैं. किसी भी दल का कोई सदस्य अपने दल के नेता के बारे क्या नहीं बोलेगा? उन्होंने मीडिया पर चुटकी लेते हुए कहा कि शाहबुद्दीन की बातों से आप लोगों को क्यों परेशानी हो रही है?
कानून ने अपना काम किया : नीतीश : जमशेदपुर. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने का मामला इतना बड़ा नहीं है, इस पर ज्यादा चर्चा की जाये. उन्होंने कहा कि कानून ने अपना काम किया है. अगर किसी को ज्यूडिसियरी पर बोलने का मन करता है तो उस पर मैं क्या कह सकता हूं, यह कानूनी मामला
कानून ने अपना…
है और कानून ने अपना काम किया है. यह कहना कि सही तरीके से सरकार ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया तो यह गलत होगा. नीतिश ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा शहाबुद्दीन को लेकर दिये गये बयान पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी बेरोजगार हो गये है. उनको बोलने की आदत है. गैर जिम्मेदार तरीके से वे अपनी बातें बोलते है, जिनकी बातों को मैं ज्यादा तवज्जो भी नहीं देना चाहता और उनका न तो बयान देखता हूं और न ही पढ़ता हूं, इस कारण से वे अपनी रोजी रोटी चलाने में लगे हुए हैं.
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