स्मार्ट सिटी. सरकार ने खर्च के लिए 1309.30 करोड़ की दी स्वीकृति
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सिल्क सिटी को स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया स्टार्ट
स्मार्ट सिटी. सरकार ने खर्च के लिए 1309.30 करोड़ की दी स्वीकृति भागलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार से 1309.30 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत होने के बाद विभिन्न मदाें में खर्च का निर्धारण हो गया है. इसमें बुनियादी सुविधाओं के विकास पर जोर दिया गया है. भागलपुर/पटना : स्मार्ट सिटी बनने के […]
भागलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार से 1309.30 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत होने के बाद विभिन्न मदाें में खर्च का निर्धारण हो गया है. इसमें बुनियादी सुविधाओं के विकास पर जोर दिया गया है.
भागलपुर/पटना : स्मार्ट सिटी बनने के लिए भागलपुर शहर आगे बढ़ चुका है. केंद्र प्रायोजित स्मार्ट सिटी मिशन के तहत भागलपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी का गठन किया गया है. इस योजना पर अनुमानित लागत 1309 करोड़ 30 लाख है. राज्य सरकार ने इसमें से 463 करोड़ 21 लाख और दो करोड़ 50 लाख राज्यांश के
भागलपुर : रूप में व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गयी है. भागलपुर स्मार्ट सिटी योजना में केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी 926 करोड़ 41 लाख में आधी-आधी राशि देना है. राज्य को अपनी हिस्सेदारी 463.21 करोड़ के अतिरिक्त एसपीवी के पंजीकरण के लिए ढ़ाइ करोड़ का भार वहन करना है. स्मार्ट सिटी मिशन को केंद्रीय योजना के रूप में चलाया जायेगा. केंद्र सरकार आगामी पांच वर्षों में प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपये देगी.
इतनी ही राशि का भार राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा. इसके अलावा शेष राशि स्थानीय निकायों को अपने स्रोतों से वसूली जायेगा. सरकार की प्रशासनिक के साथ ही विभिन्न मदों में खर्च होनवाली राशि भी निर्धारित कर दी गयी है. इसमें बुनियादी सुविधाओं के विकास पर जोर दिया गया है. सर्वाधिक राशि(138 करोड़) सड़क निर्माण पर खर्च की जायेगी. इसके अलावा सीवरेज सिस्टम पर 119.41 करोड़, नदी घाटों के विकास पर 107.50 करोड़ और बाजार विकास व कौशल प्रशिक्षण पर 123 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में लोगों को कई विशेष सुविधाएं मिलेंगी. इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की बुनियादी सुविधाएं भी इस राशि से मजबूत की जायेगी. उक्त राशि की स्वीकृति को लेकर बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने जिले के प्रशासनिक पदाधिकारियों को पत्र जारी किया है. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर यह अभी तक तय नहीं हो पाया है कि स्मार्ट सिटी को शहर के बाहर कहीं और बसाया जायेगा या फिर वर्तमान भागलपुर शहर हो ही स्मार्ट बनाया जायेगा.
25.20 करोड़ बड़े व खुले मैदानों और खेल गतिविधियों पर खर्च : स्मार्ट सिटी खिलाड़ियों व खेल प्रेमियों के लिए भी खुशियाें की सौगात लेकर आया है. इनमें 25.20 करोड़ की राशि शहर के बड़े खुले मैदान और साथ में वहां होनेवाली गतिविधि पर खर्च होगी.
ऐसा होगा इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम : स्मार्ट सिटी में इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम को विभिन्न स्तरों पर विकसित किया जायेगा. इसके लिए एक कमांड व कंट्रोल सेंटर होगा, जहां से तमाम व्यवस्था पर नजर रखी जायेगी. ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम भी इसी से कंट्रोल होगा और पूरे शहर की गतिविधि पर कैमरे की नजर रहेगी.
विभिन्न मदों में खर्च होनेवाली राशि निर्धारित, बुनियादी सुविधाओं पर जोर
इन मदों में होंगे खर्च
इ-गवर्नेंस व एम-गवर्नेंस 18 करोड़
गंगा घाटों का विकास 107.50 करोड़
मैदानों का कायाकल्प 25.20 करोड़
मनोरंजन 12.60 करोड़
सड़क 138.50 करोड़
24 घंटे जलापूर्ति 45.55 करोड़
सीवरेज सिस्टम 119.41 करोड़
पावर इंफ्रास्ट्रक्चर 114.26 करोड़
आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर 54.60 करोड़
प्रदूषण नियंत्रण 24.27 करोड़
अर्बन पुअर एंड स्लम्स 51.50 करोड़
राज्य को अपनी हिस्सेदारी 463.21 करोड़ के अतिरिक्त एसपीवी के पंजीकरण के लिए 2.5 करोड़ का करना है वहन
भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी करेगी देखरेख
स्मार्ट सिटी के कामकाज के लिए एसपीवी कंपनी भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी का गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है. यह एसपीवी कंपनी एक्ट 2013 के तहत पंजीकृत होगी और इसका निबंधित कार्यालय भागलपुर शहर में अवस्थित होगा. कंपनी का उद्देश्य शहर को 2020 तक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार कराना, मूल्यांकन, स्वीकृत राशि की विमुक्ति, प्रबंधन, अनुश्रवण आदि होगा.
हम भी तो हों स्मार्ट
फिलहाल भागलपुर की स्थिति यह है कि लोग वाहनों के जाम के दौरान कतारों में तनिक ठहरना नहीं चाहते. सड़कों पर आड़ी-तिरछी कर गाड़ियां लगा देते हैं. घर-दुकानों से निकले कूड़े-कचरे डस्टबीन में नहीं फेंकते. लेकिन स्मार्ट सिटी बनाने के लिए हमें स्मार्ट बनने की जरूरत होगी.
स्मार्ट सिटी का नोटिफिकेशन जारी हो गया है. अब जल्द ही बैठक कर इसके क्रियान्वयन करने का काम होगा. संबंधित विभाग को काम की जिम्मेवारी दी जायेगी.
अजय कुमार चौधरी, प्रमंडलीय आयुक्त
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