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नहीं खुला ओटी, ओपीडी भी बंद

जेएलएनएमसीएच. शुक्रवार से ही जूनियर डॉक्टर हैं हड़ताल पर इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टरों ने देखा मरीज को मरीजों को इलाज में हुई परेशानी ओपीडी में साढ़े नौ बजे तक सौ से अधिक कटी परची, लेकिन डॉक्टर ने नहीं देखा भागलपुर : बिहार आइएमए और भासा के आह्वान पर शनिवार को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर […]

जेएलएनएमसीएच. शुक्रवार से ही जूनियर डॉक्टर हैं हड़ताल पर

इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टरों ने देखा मरीज को
मरीजों को इलाज में हुई परेशानी
ओपीडी में साढ़े नौ बजे तक सौ से अधिक कटी परची, लेकिन डॉक्टर ने नहीं देखा
भागलपुर : बिहार आइएमए और भासा के आह्वान पर शनिवार को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर गये डॉक्टरों ने जेएलएनएमसीएच में इमरजेंसी सेवा को बहाल रखा. जेएलएनएमसीएच में डॉक्टरों ने आइएमए के जिला अध्यक्ष डॉ हेमशंकर शर्मा की अगुवायी में ओपीडी सेवा और ओटी में काम बंद रखा. लेकिन इन्हीं डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा में सभी मरीजों का इलाज किया. वहीं जूनियर डॉक्टर शनिवार को भी हड़ताल पर रहे.
इस कारण इमरजेेंसी सेवा में सीनियर डॉक्टरों को थोड़ी परेशानी हुई. जूनियर डॉक्टर अस्पताल परिसर में थे, लेकिन उन्होंने काम नहीं किया. वहीं सुबह ओपीडी के निबंधन खिड़की पर मरीजों और उनके परिजनों के जिद के कारण सौ से अधिक परची तो कट गयी लेकिन ये परची लेकर घूमते रहे, डॉक्टरों ने जांच नहीं की. जब सीनियर डाॅक्टरों को मालूम हुआ तो उन्होंने परची कटवाने से मना किया. सुबह साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे से तक परची कटी. सुबह से डाॅक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजाें को काफी परेशानी हुई.
डॉक्टरों की सांकेतिक हड़ताल
डॉक्टरों पर हमले के विरोध में एक दिवसीय हड़ताल पूरी तरह सफल रहा. ओपीडी सेवा बंद रही, लेकिन हम डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा को बहाल रखते हुए मरीजों का इलाज किया. एक भी केजुअलटी नहीं हुई.
डॉ हेम शंकर शर्मा, जिला आइएमए अध्यक्ष
राज्य भर में डॉक्टरों पर हो रहे हमले के विरोध में डॉक्टरों की एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पूरी तरह सफल रही. इमरजेंसी सेवा चालू रही और मरीजों का इलाज किया गया.
डॉ संदीप लाल, संयुक्त सचिव, बिहार आइएमए
डॉक्टरों की एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के कारण ओपीडी सेवा बंद रही. इमरजेंसी सेवा बहाल रही.
डॉ विजय कुमार, सिविल सर्जन, भागलपुर
अफरा-तफरी का था माहौल
अस्पताल में इमरजेंसी के भीतर और परिसर में मरीजों और उनके परिजनों के बीच अफरा-तफरी का माहौल था. इमरजेंसी के भीतर के गेट को भी गार्ड ने बंद कर दिया था. एक-एक कर मरीज और उनके परिजनों को अंदर जाने दिया जा रहा था. डाॅ हेमशंकर शर्मा, डॉ सोमेन चटर्जी, डॉ पंकज कुमार, डॉ पवन झा सहित सभी सीनियर डॉक्टर मरीज का इलाज करते दिखे. नवगछिया से एक कांवरिया को रेल थाना में कार्यरत होमगार्ड के जवान ने बेहोशी हालत में लाया. दूसरी तरफ सदर अस्पताल में भी ओपीडी सेवा बंद रही. अस्पताल में डॉक्टरों ने नोटिस दीवार पर चिपका दी थी. देर शाम के बाद हड़ताल समाप्त की गयी.

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