भागलपुर: भागलपुर समेत आसपास के क्षेत्रों में गंगा खतरे के निशान को पार कर करीब 33 सेंटीमीटर से ऊपर बह रही है. इससे जिले के सबौर, नाथनगर, गोपालपुर और इस्माइलपुर प्रखंड के सौ से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. गुरुवार को गंगा की बाढ़ में दो बच्चों के बह जाने की […]
भागलपुर: भागलपुर समेत आसपास के क्षेत्रों में गंगा खतरे के निशान को पार कर करीब 33 सेंटीमीटर से ऊपर बह रही है. इससे जिले के सबौर, नाथनगर, गोपालपुर और इस्माइलपुर प्रखंड के सौ से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. गुरुवार को गंगा की बाढ़ में दो बच्चों के बह जाने की सूचना है.
सबौर के घोषपुर के पास गुरुवार को एनएच 80 पर पानी बहने लगा. उधर, सुल्तानंगज में गंगा नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि घाट तक पहुंचने के लिए बने रास्ते पर भी घुटने तक पानी भर गया है. इस्माइलपुर प्रखंड में सबसे भयावह स्थिति है. उधर, गोपालपुर प्रखंड स्थित सैदपुर स्पर संख्या-8 का करीब 30 मीटर हिस्सा कट कर गंगा में समा चुका है. इस्माइलपुर के स्पर-1 पर भी कटाव जारी है, जबकि स्पर-7 का 150 मीटर नोज सोमवार को ही गंगा में विलीन हो गया था.
सबौर प्रखंड की बाबूपुर-रजन्दीपुर सड़क बाढ़ में पूरी तरह डूब गयी है, जिससे दर्जनों गांवों का एनएच से संपर्क कट गया.
इस बीच, गंगा में भारी उफान के बाद जिले के डीएम ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. गंगा किनारे के घाटों को खतरनाक मानते हुए सेल्फी पर रोक लगा दी गयी है. गंगा किनारे बिना कारण के किसी को नहीं जाने की हिदायत दी गयी है. शाम के बाद नदी में नौका के परिचालन पर भी रोक लगा दी गयी है.
सभी घाटों पर धारा 144 लागू कर दिया गया है. डीएम आदेश तितरमारे ने बताया कि गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है. सभी सरकारी कर्मियों व अफसरों की छुट्टी पर रोक लगा दी गयी है. सभी एसडीओ से कहा गया है कि वे खुद घाटों का जायजा लें. बाढ़ को लेकर मेडिकल टीम को भी इलाके में रवाना कर दिया गया है. डीएम ने कहा कि नदी किनारे घूमने पर पर भी रोक लगा दी गयी है. ऐसा एहतिहात के तौर पर किया गया है कि ताकि डूबने की घटना न हो.