रात के अंधेरे में निर्माण और डिलिवरी
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सुलतानपुर भिट्टी में बदला ट्रेंड, गैस चूल्हे पर बन रही गुड़ की शराब
रात के अंधेरे में निर्माण और डिलिवरी पुलिस और प्रेस वालों से पूरी तरह सतर्क हैं कारोबारी भागलपुर : शराबबंदी कानून लागू होने के बाद सबौर स्थित सुलतानपुर भिट्टी गांव में शराब बनाने और बेचने पर रोक तो नहीं लगी है, लेकिन ट्रेंड बदल गया है. सूत्रों की मानें तो शराब कारोबारी लकड़ी चूल्हे की […]
पुलिस और प्रेस वालों से पूरी तरह सतर्क हैं कारोबारी
भागलपुर : शराबबंदी कानून लागू होने के बाद सबौर स्थित सुलतानपुर भिट्टी गांव में शराब बनाने और बेचने पर रोक तो नहीं लगी है, लेकिन ट्रेंड बदल गया है. सूत्रों की मानें तो शराब कारोबारी लकड़ी चूल्हे की भट्टी की जगह गैस चूल्हे पर चोरी छिपे शराब बना रहे हैं, क्योंकि लकड़ी की भट्टी से धुंआ उठने पर लोग जान जाते थे. वहीं जावा महुआ से शराब बनाने की जगह अब गुड़ की शराब बनायी जा रही है. इसके कारोबारी धंधे को सही सलामत चलाने के लिए काफी सतर्कता बरत रहे हैं. गांव के मुहाने पर बैठ पुलिस और प्रेस वाले पर निगरानी रख रहे हैं.
शक होने पर वे उसके पीछे लग जाते हैं. सुलतानपुर भिट्टी में शराब निर्माण व बेचने के धंधे से जुड़े लोग चाह कर भी इससे किनारा नहीं कर पा रहे हैं. शराब बंदी के पहले जहां हजारों लीटर शराब तैयार करते थे, अब यह सैकड़ों लीटर पर सिमट गयी है. पहले जहां जरकिन में भरकर साइकिल, ठेला व ऑटो पर लाद कर डिलिवरी होती थी. अब छोटे-छोटे थैले में मिनरल वाटर या कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल में भर कर चोरी छिपे डिलिवरी दी जा रही है. दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि अब सुलतानपुर भिट्टी में शराब का धंधा नहीं होता है. इस काम से जुड़े लोग दूसरे आजीविका से जुड़ गये हैं. यदि निर्माण व बेचने की सूचना मिलेगी तो सख्त कार्रवाई की जायेगी.
अब भी कमाई पहले जैसी. सूत्रों की मानें तो पहले एक मग महुआ शराब 50 रुपये में मिलती थी जिसकी कीमत अब सौ रुपये हो गयी है. इस कारण शराब कारोबारियों की आमदनी कम निर्माण के बावजूद पहले जितनी ही है.
बेचवैय नैय त खइवै की. शराब के धंधे से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकारें बंद कराय देलकैय धंधा, लेकिन हमरा सनी के खाय रो कोई इंतजाम नय करलकय. आखिर बाल बच्चा केतना दिन भूख मरतय. पुश्तैनी धंधा छेकय, थोड़ा बहुत बनयवे करवै. अाबे घरों के मरद इ काम नय करय छय. जनानी सनी ही इ काम करय छय.
परिचित को ही मिलती है शराब
सुलतानपुर भिट्टी में सभी लोगों को शराब नहीं बेची जाती है. इसके कारोबारी सिर्फ परिचितों को ही बेचते हैं. वह भी खरीदार को गांव के बाहर थैले में छिपा कर डिलिवरी कर रहे हैं. शक होने पर साफ मना कर देते हैं कि माल नहीं है.
ऊपर से सब ठीक, अंदर धंधा चालू
सुलतानपुर भिट्टी गांव में शराब बंदी से पहले जहां सुबह से देर रात तक पियक्कड़ों का तांता लगा रहता था. अब पियक्कड़ नजर नहीं आते हैं. आदतन पियक्कड़ों को घर से बाहर सड़क पर ही शराब डिलिवरी होती है. जिन घरों के आगे नाश्ता व फ्राय मांस-मछली बिकती थी. अब वह घर के अंदर से निकाल कर बेची जाती है.
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