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सुलतानगंज में 300 एकड़ में नहीं हो पायेगी धनरोपनी

परेशानी. पानी के अभाव में पीला पड़ गया धान का बिचड़ा लंबे समय से अच्छी बारिश नही होने के कारण खेतों में धान के बिचड़े पीले पड़ने लगे हैं. इस कारण प्रखंड में इस बार तीन सौ एकड़ से अधिक जमीन में धान की रोपाई नहीं हो पायेगी. सुलतानगंज प्रखंड की मसदी बहियार में किसान […]

परेशानी. पानी के अभाव में पीला पड़ गया धान का बिचड़ा

लंबे समय से अच्छी बारिश नही होने के कारण खेतों में धान के बिचड़े पीले पड़ने लगे हैं. इस कारण प्रखंड में इस बार तीन सौ एकड़ से अधिक जमीन में धान की रोपाई नहीं हो पायेगी. सुलतानगंज प्रखंड की मसदी बहियार में किसान अब खेत में लगे बिचड़े को बचाने का भी प्रयास छोड़ चुके हैं. बिचड़े पीले पड़ने लगे हैं.
सुलतानगंज : किसानों का कहना है कि बारिश होने के बाद बहियार के पोखर व नदी में पर्याप्त मात्रा में पानी जमा हो जाते थे, जिससे किसान पंप सेट से खेत का पटवन कर लिया करते थे. पूरे बहियार में एक भी सरकारी नलकूप नहीं है. एक मात्र नलकूप है जो कई वर्षों से बंद पड़ा है. नलकूप को चालू कराने के लिए स्थानीय किसानों ने कई बार अधिकारियों से गुहार लगायी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
पलायन करने लगे मजदूर : धनरोपनी शुरू नहीं होने से सैकड़ों मजदूर पलायन कर गये हैं. किसान मंटू यादव, सकलदेव यादव, अरविंद बिंद, मनोज कुमार बिंद ने बताया कि गांव की ज्यादातर महिलाएं धान की रोपनी करती थीं. रोपाई शुरू नहीं हो पाने के कारण ज्यादातर महिला-पुरुष मजदूर परिवार के साथ पश्चिम बंगाल के मालदा में मजदूरी करने जा रहे हैं.
कर्ज में डूबे हैं किसान : क्षेत्र के ज्यादातर किसान बंटाई पर खेती करते हैं. छोटे किसान महाजन से कर्ज लेकर खेती करते हैं. इन लोगों ने खेती की जुताई और बिचड़ा तैयार करने में भी काफी पैसे खर्च किये हैं. लेकिन रोपाई की संभावना क्षीण देख ये काफी चिंतित हैं. दूसरी ओर महाजन ने वूसली भी शुरू कर दी है. किसानों ने बताया कि महाजन के कर्ज से छुटकारा पाने के लिए बैंक से भी कर्ज लेने के लिए आवेदन दिया है, लेकिन ऋण नहीं मिला. फसल बीमा का लाभ भी यहां के किसानों को नहीं मिलता है. डीजल अनुदान के लाभ से किसानों को वंचित कर दिया गया है.

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