क्हलगांव : गंगा से जुड़े कोल ढाब व नालाें में मच्छरदानी जाल लगा कर जलकर माफिया गंगा की छोटी मछलियों का विनाश कर रहे हैं. इससे परंपरागत मछुआरों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी, जिससे वे यहां से पलायन कर रहे हैं. मत्स्य विभाग, वन विभाग व पुलिस मुक दर्शक बनी हुई है. इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन, विभागीय पदाधिकारियों तथा मछुआरों के बीच कई बार वार्ता हुई, परंतु परिणाम कुछ नहीं निकला. इस आशय का पत्र जल श्रमिक संघ व गंगा मुक्ति आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने कहलगांव अनुमंडलाधिकारी को दिया है.
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जलकर माफिया छोटी मछलियों का कर रहे विनाश
क्हलगांव : गंगा से जुड़े कोल ढाब व नालाें में मच्छरदानी जाल लगा कर जलकर माफिया गंगा की छोटी मछलियों का विनाश कर रहे हैं. इससे परंपरागत मछुआरों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी, जिससे वे यहां से पलायन कर रहे हैं. मत्स्य विभाग, वन विभाग व पुलिस मुक दर्शक बनी हुई है. […]
एसडीओ से पांच सुत्री मांग : जल श्रमिक संघ व गंगा मुक्ति आंदोलन के सदस्यों ने एसडीओ से मांग की है कि मच्छरदानी जाल पर रोक लगायी जाये, वर्ष 1991 के बजट को पूर्ण रूप से लागू करते हुए गंगा एवं गंगा से जुड़े कोल ढाव एवं नदी नाले की अवैध बंदोबस्ती बंद की जाये,
परंपरागत मछुआरों को नदियों में नि:शुल्क शिकारमाही के लिए विभाग से परिचय पत्र दिये जायें, शिकारमाही के लिए प्रतिबंधित महीनों के लिए मछुआरों को मुआवजा दिया जाये तथा मछुआरों की सुरक्षा के लिए गंगा में पुलिस पेट्रोलिंग करायी जाये. आवेदन देने वालों में योगेंद्र सहनी, दशरथ सहनी, अशोक सहनी, मनोज कुमार सहनी, पूजो सहनी, सुनील कुमार सहनी आदि लोग सामिल थे. आवेदन की प्रतिलिपि डीएम, एसएसपी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, डीएसपी तथा जिला वन पदाधिकारी को भी भेजी गयी है.
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