भागलपुर: भागलपुर के शिक्षा विभाग द्वारा साक्षरताकर्मी (अनुदेशक) के चतुर्थवर्गीय पद पर फर्जी नियुक्ति का मामला उजागर हुआ है. उपविकास आयुक्त ने मिली शिकायत की जांच कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी है. जिला गोपनीय शाखा के प्रभारी पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेज कर नियुक्ति की अंतिम अनुशंसा सूची की रिपोर्ट जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
साक्षरताकर्मी के चतुर्थवर्गीय पद पर फर्जी नियुक्ति मामले की शिकायत जिला प्रशासन को मिली थी. शिकायत के आधार पर मामले की जांच उपविकास आयुक्त ने की. उपविकास आयुक्त द्वारा भेजी गयी जांच रिपोर्ट में यह कहा गया है कि नियुक्ति में अनियमितता हुई है. जगदीशपुर प्रखंड के महेंद्र साह के पुत्र राजेश कुमार रंजन को जिला जन शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से 15 मार्च 2006 को अनुभव प्रमाणपत्र जारी किया गया था, लेकिन निर्गत पत्रों की पंजी से मिलान में पाया गया कि मसोमात दुर्गा देवी को अनुभव प्रमाणपत्र दिया गया है. मानदेय प्राप्ति पंजी में एक ही व्यक्ति द्वारा कई नामों की प्रविष्टि करते हुए प्राप्तकर्ता के रूप में हस्ताक्षर है.
डीइओ के आवास पर मिली कार्यालय की फाइल
अनुभव प्रमाणपत्र से संबंधित जारी की गयी पंजी व मानदेय भुगतान पंजी कार्यालय में न होकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के आवास पर पायी गयी. डीइओ के आवास से लिपिक ओम ठाकुर ने उक्त पंजियां लाकर जांचकर्ता के समक्ष प्रस्तुत की थी.
अंतिम अनुशंसा सूची की रिपोर्ट मांगी
जिला गोपनीय शाखा के प्रभारी पदाधिकारी ने डीइओ से सवाल किया है कि क्या साक्षरताकर्मी (अनुदेशक) का चतुर्थवर्गीय पद पर नियुक्ति के लिए उनके द्वारा अंतिम अनुशंसा सूची बनायी गयी है. इससे संबंधित रिपोर्ट जिलाधिकारी को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
उपविकास आयुक्त को सभी ऑरिजनल रिकॉर्ड दे दिये थे. साक्षरताकर्मी नियुक्ति को लेकर अभी मिलान का ही काम हो रहा है. हमारा काम है सूची बना कर मुख्यालय को भेजना. एक-दो दिनों में अंतिम सूची बन जायेगी, फिर जिलाधिकारी को भेज देंगे.
फूल बाबू चौधरी, डीइओ, भागलपुर