टीएमबीयू. छात्रों की मारपीट के बाद सहमा विवि प्रशासन
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आपात बैठक में लिया निर्णय
टीएमबीयू. छात्रों की मारपीट के बाद सहमा विवि प्रशासन भागलपुर : मुरारका कॉलेज के प्राचार्य को निलंबित और उनपर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर पिछले चार दिन से छात्र समागम के नेता विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में आमरण-अनशन कर रहे थे. इसमें छात्र समागम के जिला संयोजक विशाल कुमार राय, नगर संयोजक प्रिंस […]
भागलपुर : मुरारका कॉलेज के प्राचार्य को निलंबित और उनपर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर पिछले चार दिन से छात्र समागम के नेता विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में आमरण-अनशन कर रहे थे. इसमें छात्र समागम के जिला संयोजक विशाल कुमार राय, नगर संयोजक प्रिंस आलम आमरण-अनशन पर बैठे थे. छात्र समागम के नेताओं की इस मामले को लेकर बुधवार को कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे से वार्ता हुई थी.
लेकिन सहमति नहीं बन पाने के कारण छात्र समागम ने आमरण-अनशन को समाप्त करने की कुलपति की अपील से इनकार कर दिया था. अनशन पर बैठे छात्र नेताओं की तबीयत भी बिगड़ रही थी. इसको लेकर टीएमबीयू प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे थे. स्थिति और ज्यादा न बिगड़े, इसको लेकर गुरुवार को कुलपति प्रो दुबे ने एक आपात बैठक बुलायी.
इसमें विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए. डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद मुरारका कॅलेज के प्राचार्य को स्थानांतरित करने का फैसला हुआ. इसे अपनी जीत बताते हुए छात्र समागम ने अनशन समाप्त कर लिया.
क्या था मामला : 18 मई, 2016 को मुरारका कॉलेज सुल्तानगंज में हिस्ट्री बीए पार्ट थर्ड की परीक्षा दे रही एचएस कॉलेज हवेली खड़गपुर की छात्रा नेहा कुमारी को नकल करते हुए शिक्षक अलका चौधरी और राघवेन्द्र प्रताप ने पकड़ा था और परीक्षा से निष्कासित किया था.
इसके कुछ दिन बाद जब इस छात्रा की कॉपी की जांच की गयी, तो पता चला कि मूल कॉपी के साथ छेड़छाड़ की गयी है. मुरारका कॉलेज के प्रिंसिपल संजय चौधरी पर आरोप लगा कि उन्होंने छात्रा को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया है. मामला तूल पकड़ने पर टीएमबीयू के वीसी ने इसकी जांच के लिए प्रॉक्टर विलक्षण रविदास के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इसके बाद छात्रा को मात्र एक साल के लिए परीक्षा से वंचित कर दिया गया.
लेकिन प्रिंसिपल संजय चौधरी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में छात्र इस मामले को लेकर अपना विरोध जताते हुए मुरारका कॉलेज के प्रिंसिपल को हटाने की मांग की लेकर पिछले कई दिन से विश्वविद्यालय में छात्र संगठन धरना और प्रदर्शन कर रहे थे. जिसके नतीजे में छात्रों की मांग के आगे टीएमबीयू प्रशासन को झुकना पड़ा.
रालोसपा कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
छात्र समागम व छात्र रालोसपा के छात्र नेताओं के बीच हुई मारपीट में कई छात्रों को चोट भी लगी. दिन के लगभग 12 बजे छात्र रालोसपा के जिला अध्यक्ष चंदन कुमार राय के नेतृत्व में एक दर्जन छात्र मुरारका कॉलेज के प्राचार्य संजय कुमार के पक्ष में नारेबाजी करते हुए प्रशासनिक भवन पहुंच गये. यहां पर छात्र समागम के छात्र नेता पहले से ही मुरारका कॉलेज को प्राचार्य के खिलाफ अनशन पर बैठे थे. ऐसे में संजय चौधरी के पक्ष में छात्र रालोसपा के छात्र नेताओं की तरफ से की जा रही नारेबाजी से छात्र समागम के कार्यकर्ता भड़क गये. पहले दोनों-पक्ष में कहासुनी हुई,
इसके बाद इससे पहले कि वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते दोनों ओर से लात-घूंसे चलने लगे. स्थिति यह हो गयी की अधिक संख्या में मौजूद छात्र समागम के नेताओं ने रालोसपा के छात्र नेता चंदन कुमार राय और उसके साथियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. रालोसपा के छात्र पिटाई से बचने के लिए ग्राउंड फ्लोर से लेकर फर्स्ट फ्लोर तक भागते नजर आये. प्रशासनिक भवन में मौजूद विश्वविद्यालय के कर्मचारी और यहां पर मौजूद छात्र भी यह दृश्य देखकर सहमकर प्रशासनिक भवन से बाहर आ गये. आनन-फानन में विश्वविद्यालय थाना पुलिस को सूचना दी गयी और पुलिस आने के के पहले ही छात्र रालोसपा के छात्र नेता मौके से फरार हो गये.
लेकिन छात्र समागम के नेता अनशन स्थल पर मौजूद रहे. उनका कहना था कि वह लोग शांतिपूवर्क अनशन कर रहे थे, ऐसे में छात्र रालोसपा का जिला अध्यक्ष चंदन कुमार राय जो छात्र नहीं, बल्कि मुरारकार कॉलेज का कर्मचारी है, वह मुरारका कॉलेज के प्राचार्य के पक्ष में नारेबाजी करते हुए उन लोगों से उलझ गया. इस मामले को लेकर छात्र समागम ने चंदन कुमार राय और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
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