एसएनसीयू में होना था नवजातों का इलाज
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16 बैठक बाद भी नहीं हुआ चालू
एसएनसीयू में होना था नवजातों का इलाज भागलपुर : नवजातों की माैत को रोकने के लिए भागलपुर में एसएनसीयू (सिक न्यूनेटल केयर यूनिट) की नींव वर्ष 2012 में रखी गयी थी. इसके निर्माण से लेकर आज तक एक-दो नहीं, बल्कि 16 बैठकें हुई. दूसरी तरफ नवजातों की मौत का ग्राफ बढ़ता रहा. नवजातों की मौत […]
भागलपुर : नवजातों की माैत को रोकने के लिए भागलपुर में एसएनसीयू (सिक न्यूनेटल केयर यूनिट) की नींव वर्ष 2012 में रखी गयी थी. इसके निर्माण से लेकर आज तक एक-दो नहीं, बल्कि 16 बैठकें हुई. दूसरी तरफ नवजातों की मौत का ग्राफ बढ़ता रहा. नवजातों की मौत से इनकी मांओं का क्रंदन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के कानों तक नहीं पहुंची. 40 लाख की लागत से अप्रैल 2016 में तैयार हुआ एसएनसीयू आज भी शुरू होने का इंतजार रहा है.
आंकड़ों में सर्वाधिक मौतें नवजातों की : इस साल के शिशु मृत्यु दर के आंकड़ों में जो शिशुओं की माैत की संख्या है, उसमें से आधे से ज्यादा नवजातों (जन्म से 28 दिन के बीच) की है. भागलपुर जिले में इस साल जनवरी 2016 से जून 2016 के बीच 913 बच्चों की मौत (सीडीआर) हो चुकी है. पहली तिमाही के आंकड़ों पर गौर करें तो कुल शिशु मृत्यु दर में से 57 प्रतिशत नवजातों की मौत हुई. इन मौतों में नवजातों की मौतों का प्रतिशत 50 प्रतिशत भी मानें, तो बीते छह माह में करीब 407 नवजातों की मौत हो चुकी है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अगर एसएनसीयू अप्रैल माह से ही शुरू हो गया होता, तो इन तीन माह में तो शायद 213 नवजात को जीवनदान मिल सकता था.
होती रही नवजातों की मौत चलती रही बैठकें
माह शिशु मृत्यु दर(अंकों में) नवजातों की मौत
जनवरी 200 उपलब्ध नहीं
फरवरी 157 उपलब्ध नहीं
मार्च 137 58 प्रतिशत
अप्रैल 152 57 प्रतिशत
मई 137 56 प्रतिशत
जून 136 उपलब्ध नहीं
ये हैं एसएनसीयू में सुविधाएं
ट्रॉयल रूम में 24 घंटे प्रशिक्षित स्टाफ
ट्रायेज रूम : यहां पर बीमार नवजातों का इमरजेंसी ट्रीटमेंट किया जायेगा. उसके बाद उसे निर्धारित जगह पर भरती कर किया जायेगा.
मुख्य एसएनसीयू रूम
स्टेप डाउन यूनिट्स
न्यूनेटल वार्ड : इसमें नवजातों के लिए 20 बेड लगे हाेंगे.
एंसिअलरी एरिया : यहां पर माएं अपने बच्चों को स्तनपान करा सकेंगी और उनकी दुग्ध का भंडारण किया जा सकेगा. इसके अलावा यहां पर धुलाई, स्टेरिलाइजेशन, प्रयोगशाला, स्लाइस रूम, जॅनिटर क्लोसेट एवं स्टोर होगा.
यहां पर फॉलोअप क्लिनिक भी होगा.
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