पहले दिन इस नियम का खौफ तो कॉलेजों और पीजी विभागों में देखने को जरूर मिला. लेकिन बात जब लिस्ट भेजने की आयी तो अधिकतर कॉलेज ने यह बहाना बनाया कि नेट की समस्या होने से वह मेल के जरिये लिस्ट नहीं भेज पा रहे हैं. इसके बाद कॉलेजों के फोन के जरिये उपस्थित और अनुपस्थित को नोट कराने का आदेश मिला. इसके बाद कॉलेजों ने जो लिस्ट टीएमबीयू के रजिस्ट्रार को भेजी उसमें मात्र तीन शिक्षक ही बिना सूचना के अनुपस्थित पाये गये. इनमें केकेएम काॅलेज से एक, कोशी कॉलेज खगड़िया से एक और सबौर काॅलेज से एक शिक्षक बिना सूचना ड्यूटी से गायब थे.
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पहले दिन बिना सूचना तीन शिक्षक गायब
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में राजभवन के आदेश के बाद शुक्रवार को एक नये नियम की शुरुआत हुई. इसमें टीएमबीयू से संबद्ध् सभी 29 कॉलेजों के प्रिंसिपल और 29 पीजी विभागों के विभागाध्यक्षों को अपने यहां उपस्थित शिक्षकों, सूचना देकर अनुपस्थित शिक्षकों और बिना सूचना के गैर हाजिर शिक्षकों की लिस्ट विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार […]
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में राजभवन के आदेश के बाद शुक्रवार को एक नये नियम की शुरुआत हुई. इसमें टीएमबीयू से संबद्ध् सभी 29 कॉलेजों के प्रिंसिपल और 29 पीजी विभागों के विभागाध्यक्षों को अपने यहां उपस्थित शिक्षकों, सूचना देकर अनुपस्थित शिक्षकों और बिना सूचना के गैर हाजिर शिक्षकों की लिस्ट विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को मेल के जरिये भेजना था.
कार्यस्थल पर शिक्षकों के पांच घंटा रहने का स्वागत है. शिक्षक इतने घंटे रहते भी हैं. परीक्षा ड्यूटी भी करते हैं. लेकिन दूसरा पहलू यह है कि कर्मचारियों को जहां 125 प्रतिशत डीए मिलता है, वहीं हम लोगों को सिर्फ 113 प्रतिशत. स्थिति यह है कि एक ही प्रोन्नति पर रिटायर कर रहे हैं. वेतन भी नियमित नहीं मिल रहा है. इन सारी चीजों को भी सरकार को देखना चाहिए.
प्रो शंभु प्रसाद सिंह, महासचिव भागलपुर यूनिवर्सिटी सर्विस टीचर एसोसिएशन (भुस्टा)
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