विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में खुलासा
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शहर की सांसों में घुल रहा पीएम-2.5 जहर
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में खुलासा भागलपुर : देश-दुनिया के अधिकांश शहरों की सांसों में तेजी से पीएम-2.5 का जहर घुल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत जैसे विकासशील देशों के गरीब राज्यों में स्थिति बेहद बदतर है. शहर […]
भागलपुर : देश-दुनिया के अधिकांश शहरों की सांसों में तेजी से पीएम-2.5 का जहर घुल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत जैसे विकासशील देशों के गरीब राज्यों में स्थिति बेहद बदतर है. शहर में पीएम (पार्टिक्यूलेटेड मैटर)-2.5 महीन कणों की मात्रा 76 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, जो मानक 10 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर से सात गुना अधिक है.
प्रदूषण का यह स्तर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मानक से दोगुना ज्यादा है. रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय प्रशासन चिंतित जरूर है, लेकिन पुख्ता प्रबंध की स्थिति अस्पष्ट है.
डब्ल्यूएचओ की इस रिपोर्ट से पूर्व प्रदूषण मापने में पीएम-10 कणों की बड़ी भूमिका होती थी. शहर में पीएम पीएम-10 की मात्रा 143 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर है, जो मानक 20 माइक्रो माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर से सात गुना अधिक है. हालांकि नाइट्रोजन ऑक्साइड -नाक्स और सल्फर डाई ऑक्साइड की मात्रा मानक स्तर 80 मिली ग्राम प्रति घनमीटर से कम है. शहर की हवा में ये गैसें 15 से 30 मिली ग्राम के बीच हैं.
पीएम-2.5 दिल और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इससे लोगों में हार्ट अटैक, अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर, क्रॉनिक खांसी, टीबी जैसी घातक बीमारिया हों रही हैं. दुनिया भर में हर साल 70 लाख लोगों की असामयिक मौत हो जाती है. इनमें से 30 लाख की मौत हवा में घुल रहे जहर से हो रही है. आशंका जतायी जा रही है कि 10 सालों में मौत का यह आंकड़ा दोगुना हो सकता है.
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