अफसोस. दानशीलता की मिसाल राजा शिवचंद्र बनर्जी को अब भूल चुके हैं लोग
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उन्होंने इस शहर को सिर्फ सौगातें ही दी
अफसोस. दानशीलता की मिसाल राजा शिवचंद्र बनर्जी को अब भूल चुके हैं लोग बंगाल के कृष्णनगर से आकर भागलपुर स्थित मौसी के घर में बसे थे राजा शिवचंद्र बनर्जी के पिता, किंग जॉर्ज पंचम ने राजा की उपाधि से नवाजा भागलपुर : राजा शिवचंद्र बनर्जी… शायद कई लोगों ने यह नाम नहीं सुना होगा. जबकि […]
बंगाल के कृष्णनगर से आकर भागलपुर स्थित मौसी के घर में बसे थे राजा शिवचंद्र बनर्जी के पिता, किंग जॉर्ज पंचम ने राजा की उपाधि से नवाजा
भागलपुर : राजा शिवचंद्र बनर्जी… शायद कई लोगों ने यह नाम नहीं सुना होगा. जबकि इस शहर को उन्होंने कई अनमोल सौगातें दी हैं. उनकी दानशीलता की मिसाल दी जाती है. आज यह नाम गुमनामी की अंधेरी कोठरी में गुम होता जा रहा है. उनके द्वारा बनाये गये संस्थान आज जर्जर हो रहे हैं, पर उन्हें संवारने की कोशिश नहीं होती.
बरारी वाटर वर्क्स बनाने में किया सहयोग. बिहार का भागलपुर पहला शहर बना था, जहां 1887 में टैप वाटर सिस्टम चालू हुआ. अपनी कमाई से राजा शिवचंद्र बनर्जी ने भागलपुर में पेयजल आपूर्ति के लिए बरारी स्थित वाटर वर्क्स को एक बड़ी राशि दी थी. उनके सहयोग से स्थापित टैप वाटर सिस्टम को देखने के लिए तत्कालीन गवर्नर हैनरी ह्वीलर भागलपुर आये थे. आज बरारी वाटर वर्क्स की स्थिति लोगों के सामने है.
प्रसिद्ध स्कूल दिया, आज घट रहे छात्र. उन्होंने ब्रह्म समाज भवन की स्थापना आदमपुर में की थी, जिसे हम संजो नहीं सके. अपने पिता के नाम पर दुर्गा चरण प्राइमरी स्कूल 1882 में व माता के नाम से भागलपुर गर्ल्स इंस्टीट्यूशन (मोक्षदा गर्ल्स स्कूल) की स्थापना 1868 में दान देकर की. दुर्गाचरण प्राइमरी स्कूल व मोक्षदा बालिका स्कूल की अब वो ख्याति नहीं रही. छात्र-छात्राओं की संख्या भी साल-दर-साल घटती जा रही है.
खोला अस्पताल. महिलाओं की चिकित्सा सुविधा के लिए राजा शिवचंद्र बनर्जी ने रानी शिवोतरानी चिकित्सालय की स्थापना की. भागलपुर सदर अस्पताल अर्थात विक्टोरिया मेमोरियल का पहला नाम रानी शिवोतरानी चेरीटेबुल डिस्पेंसरी था. यहां महिलाओं के लिए शिवतरानी वार्ड भी था. आज सदर अस्पताल में भरती होनेवाले अधिकतर मरीज प्रसव महिला होती हैं.
बंगाल से बिहार को अलग कराने में निभायी भूमिका. बंगाल से बिहार को अलग कराने में भी राजा बनर्जी ने अहम भूमिका निभायी. भागलपुर : अतीत एवं वर्तमान पुस्तक में यह भी उल्लेख है कि राजा शिवचंद्र बनर्जी द्वारा दिये गये प्रस्ताव पर बिहार लैंड होल्डर एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से बंगाल विभाजन की बात को स्वीकार करते हुए बिहार निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था. राजा बनर्जी ने जब बिहार निर्माण का प्रस्ताव दिया था, उस समय बिहार लैंड होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष दरभंगा महाराज श्री रामेश्वर सिंह थे.
राजा शिवचंद्र के बारे में यह भी जानें
बंगाल के कृष्णनगर स्थित दुगछिया निवासी दुर्गाचरण बनर्जी अपनी मौसी के यहां भागलपुर आकर बसे. दुर्गा बाबू के तीन पुत्रों में एक शिवचंद्र बनर्जी थे. शिवचंद्र ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. शिवचंद्र ने भागलपुर में वकालत शुरू की. जमींदारी नहीं थी, फिर भी जमींदार की हैसियत पा ली. उनकी दानशीलता एवं प्रसिद्धि को देख इंगलैंड के राजा जॉर्ज पंचम ने उन्हें दिल्ली में राजा की उपाधि से नवाजा.
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