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पसीना बहाने में सूख जाते हैं कंठ, नहीं बुझती प्यास

सैंडिस कंपाउंड व जयप्रकाश उद्यान में है पेयजल व शौचालय समेत अन्य सुविधाओं का अभाव भागलपुर : डिस कंपाउंड एवं जयप्रकाश उद्यान में इन दिनों अधिकांश प्याऊ व पेयजल के अन्य स्रोत मृतप्राय हैं, जिससे रोजाना यहां टहलने व खेलने आने वाले हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा यहां […]

सैंडिस कंपाउंड व जयप्रकाश उद्यान में है पेयजल व शौचालय समेत अन्य सुविधाओं का अभाव

भागलपुर : डिस कंपाउंड एवं जयप्रकाश उद्यान में इन दिनों अधिकांश प्याऊ व पेयजल के अन्य स्रोत मृतप्राय हैं, जिससे रोजाना यहां टहलने व खेलने आने वाले हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा यहां पर बिजली व साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं है, जिससे शाम होने पर असामाजिक तत्वों व जहरीले जीव-जंतुओं का भय एवं हमेशा मच्छरों का भय बना रहता है.
प्याऊ व जल स्रोत की स्थिति
सैंडिस कंपाउंड मैदान क्षेत्र में दो चापाकल हैं, जिसमें एक ठीक तो दूसरा पूरी तरह से खराब हो गया है. मैदान में एक प्याऊ से मिला-जुला कर पानी मिल पाता है. जयप्रकाश उद्यान परिसर में तीन प्याऊ हैं, जो देखने से हाल के दिनों के ही बने लगते हैं, लेकिन इससे पानी नहीं आता. इसमें एक प्याऊ का निर्माण पीएचइडी विभाग की ओर से 5.22 लाख की लागत से 2012 में बना है, जिसका उद्घाटन जून 2012 में खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत अन्य विभाग के मंत्री द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था. इतने कम समय पहले बने प्याऊ की स्थिति भी ठीक नहीं है और बंद पड़ा हुआ है. लोगों का कहना है पानी नहीं होने पर कभी-कभी पीने के लिए भटकना पड़ता है या घर से पानी लेकर आने को विवश हैं. जॉगिंग करने के बाद पानी नसीब नहीं होता है.
बिजली की स्थिति
सैंडिस कंपाउंड में चारों ओर बिजली के खंभे व पुराने स्ट्रीट लाइट लगे हैं, लेकिन किसी की स्थिति ठीक नहीं है. सभी के बल्व वेपर खराब पड़े हैं. इतना ही नहीं किसी-किसी में चिड़िया ने अपना घोंसला बना लिया है.
कहते हैं यहां आने वाले लोग
मार्निंग वॉक में शरीर की कैलोरी जलती है. इसके बाद पानी की जरूरत होती है. दुर्भाग्य से कोई भी प्याऊ ऐसा नहीं है, जिससे पानी उपलब्ध हो सके. साथ ही अन्य सुविधाओं का भी घोर अभाव है. फूल-पत्ति के नाम पर केवल जंगल-झार रह गये हैं. बीच में एक समिति बना कर एक पार्क का निर्माण किया था. उसमें भी सरकारी अड़चन आ रही हैं.
सीए प्रदीप झुनझुनवाला, कार्यकारिणी सदस्य, योग समिति
घर आते ही पानी पीना पड़ता है. कई लोग पानी के अभाव में गरमी के कारण गस खाकर गिर भी जाते हैं. ऐसे में उन्हें होश में लाने के लिए भी पानी नहीं होता है. जितने भी सरकार के प्याऊ बने हैं, वह बेकार पड़ा है. महिलाओं व आम लोगों के लिए शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए.
शंकर लाल जैन, सचिव, योग समिति
सैंडिस कंपाउंड ही एक मात्र ऐसी जगह है, जहां घूमने के लिए शहर के अधिकांश स्थानों से लोग सुबह व शाम को जुटते हैं. जिला प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं मिली है. यहां पर सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां पर लगे अधिकांश चापाकल खराब पड़े हैं. एक प्याऊ है, जिसमें सभी नल से पानी नहीं आता है.
अर्जुन सिंह, जिम प्रशिक्षक
मच्छर की समस्या इतनी है कि घर में यदि मच्छरदानी व अन्य उपाय करे तो यहां पर आकर मलेरिया हो जाये. सैंडिस कंपाउंड या जय प्रकाश उद्यान अधिकांश लोग खुद को स्वस्थ रखने के लिए आते हैं, लेकिन यहां की व्यवस्था स्वस्थ लोगों को बीमार कर देगी.
संजय सिंह, अधिवक्ता

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